मोबाइल से नेटवर्क करता था गुल, फिर Sim Card Port कराकर OTP के जरिए निकालता था पैसा, बैंक फ्रॉड गिरोह का खुलासा

PNB Bank Fraud Case: पूछताछ के बाद मुजफ्फरपुर के एसएसपी जयंतकांत ने कहा है कि डीएम को एक पत्र लिखेंगे और पीएनबी से सभी सरकारी खातों को हटाने की बात कहेंगे. बताया जा रहा है कि आरोपितों ने जिस तरह से फर्जीवाड़े का खुलासा किया, उससे पुलिस के अधिकारी भी सकते में हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2021 2:28 PM

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से खाताधारकों के अकाउंट से फर्जी तरीके से पैसे निकालने का बड़ा मामला सामने आया है. पुलिस के मुताबिक इस काम में बैंक के कैशियर भी शामिल है और करीब पांच करोड़ रूपये का यह फर्जीवाड़ा हुआ है. पुलिसिया पूछताछ में गिरफ्तार आरोपितों ने फ्रॉड के तरीकों का भी खुलासा किया है.

वहीं आरोपितों से पूछताछ के बाद मुजफ्फरपुर के एसएसपी जयंतकांत ने कहा है कि डीएम को एक पत्र लिखेंगे और पीएनबी से सभी सरकारी खातों को हटाने की बात कहेंगे. बताया जा रहा है कि आरोपितों ने जिस तरह से फर्जीवाड़े का खुलासा किया, उससे पुलिस के अधिकारी भी सकते में हैं. आइए जानते हैं आरोपितों ने पूछताछ में क्या-क्या खुलासे किया हैं.

1. बैंक में मोटी रकम रखनेवाले खाता धारकों की तलाश- पीएनबी के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी का फायदा उठाकर कैशियर बैंक के दूसरे ग्राहकों की पूरी जानकारी पता कर लेता था. कैशियर मोटी रकमवाले खाता धारकों की तलाश करने के बाद पूरा डिटेल फ्रॉड को पहुंचाता था. इसमें मोबाइल व आधार नंबर, खाते का की रकम, खाताधारक का पूरा पता होता था.

2. फर्जी आधार कार्ड तैयार करना- कैशियर द्वारा खाताधारक की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के बाद फ्रॉड उसका फर्जी आइकार्ड बनाता था. इसमें सारी जानकारी खाताधारक की होती थी. लेकिन, फोटो फर्जी आदमी का रहता था. मोबाइल नंबर भी फर्जी होता था.

3. दूसरे कंपनी के मोबाइल नंबर में सीम को पोर्ट करा देना- फर्जी आधार कार्ड के सहारे फ्रॉड खाता में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का दूसरे कंपनी के मोबाइल नंबर में सीम पोर्ट करा देता था. इसमें फ्रॉड फर्जी हस्ताक्षर और फोटो लगा देता था.

4. पोर्ट सीम से पीनबी वन मोबाइल एप करता है डाउनलोड- पोर्ट कराये गये सिम का इस्तेमाल करके फ्रॉड पीएनबी का ऑनलाइन मोबाइल एप ( वन मोबाइल एप) डाउनलोड कर लेता था. जिस खाते में पैसा ट्रांसफर करना है कि उसके टैग करके फ्रॉड किया जाता था. बंगाल और बैंगलुरु के साइबर फ्रॉड के फर्जी अकाउंट (घोस्ट अकाउंट ) में पैसे ट्रांसफर होने के बाद ये शातिर एक दिन में एनआरटीजीएस के माध्यम से 10 लाख रुपये का तक ट्रांजेक्शन करता था.

5. 40 साल से उपर के उम्र के लोगों को करता था टारगेट- यह गिरोह 40 साल से ऊपर के उम्र के लोगों को टारगेट करता था. इसमें रिटायर्ड प्रोफेसर, बिजनेसमैन, रेलकर्मी, बैंककर्मी, ठेकेदार समेत अन्य सरकारी व प्राइवेट लोगों को टारगेट कर उनके खाते से फ्राॅड करता था.

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Posted By : Avinish Kumar Mishra

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