बिहार मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग अब शराब के अवैध धंधेबाजों को उनकी ही भाषा में जवाब देगी. कच्ची सड़कों पर लहरिया कट बाइक चला कर भागने वाले धंधेबाजों को उत्पाद विभाग के पुलिसकर्मी डर्ट बाइक की मदद से खदेड़ कर पकड़ेंगे. खासतौर पर ऑफ रोड राइडिंग के लिए बनायी गयीं डर्ट बाइक्स कीचड़ और रेत जैसी जगहों पर चलने में आसान होती हैं. इनका लुक भी अन्य की तुलना में अलग होता है.
पांच डर्ट बाइक की खरीद को लेकर निकाली गयी निविदा
विभाग ने पांच डर्ट बाइक की खरीद को लेकर निविदा निकाली है. इसके लिए एजेंसियों से तीन फरवरी तक प्रस्ताव मांगे गये हैं. अधिकारियों के मुताबिक कच्ची सड़कों वाले इलाकों में कई बार शराब के अवैध धंधेबाज पुलिसकर्मियों को चकमा देकर निकल जाते हैं. डर्ट बाइक्स के सहयोग से उनको पकड़ने में आसानी होगी. डर्ट बाइक्स का ग्राउंड क्लीयरेंस अन्य बाइक्स की अपेक्षा अधिक होता है.
शराबबंदी कानून में सजा दर पिछले साल की तुलना में 400 गुना बढ़ी
बिहार में अप्रैल 2022 से संशोधित बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम प्रभावी होने के बाद शराबबंदी कानून में सजा की दर बीते साल के मुकाबले 400 गुना तक बढ़ गयी है. साल 2022 में 83354 कांड में सजा दी गयी. इसमें फाइन भी शामिल है. जुलाई तक एक माह में औसतन सात हजार लोगों को सजा दी गयी थी. अगस्त में यह आंकड़ा बढ़कर 30 हजार प्रति माह तक पहुंच गया है.
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2022 में सवा लाख से ज्यादा हुई सजा
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 2022 में एक लाख 31 हजार 398 लोगों को सजा दी गयी. इसमें एक लाख 29 हजार 670 लोगों को जुर्माना का दंड दिया गया. एक व्यक्ति को आजीवन कारावास, 42 को दस साल से अधिक की सजा हुई है. एक साल पहले 2021 में 248 कांड में 313 लोगों को सजा सुनाई गयी.