सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति रखे पुलिस : डीजीपी

डीजीपी आलोक राज विधि-व्यवस्था को बेहतर रखने के लिए खुद क्षेत्र भ्रमण करेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2024 1:03 AM
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संवाददाता, पटना

डीजीपी आलोक राज विधि-व्यवस्था को बेहतर रखने के लिए खुद क्षेत्र भ्रमण करेंगे. इस दौरान वह रेंज और जिलों में जाकर विधि-व्यवस्था का जायजा लेंगे ही, पुलिस अफसरों के साथ समीक्षा बैठक भी करेंगे. मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में पुलिस अधिकारियों के काम की मासिक समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने यह निर्देश देते हुए सभी पुलिस अधिकारियों को तैयार रहने का निर्देश दिया. बैठक में मुख्यालय के तमाम अधिकारियों के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी रेंज के आइजी, डीआइजी, एसपी समेत अन्य वरीय पदाधिकारी जुड़े रहे.बैठक में डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. खासकर पर्व-त्योहार को लेकर सांप्रदायिक हिंसा एवं घटनाओं पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाने को कहा गया है.

पेशेवर अपराधियों को सजा दिलाने का अफसरों को दिया टास्क

हथियारों का प्रदर्शन, हर्ष फायरिंग, चेन स्नैचिंग, बाइकर्स गैंग आदि पर भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए गये. लूट, डकैती, रंगदारी, अपहरण पर प्रभावकारी अंकुश लगाने के लिए पेशेवर अपराधियों को सजा दिलाने का टास्क अफसरों को दिया गया है. इसके अलावा साइबर अपराध, भू-माफिया, शराब और बालू माफिया जैसे संगठित अपराध पर अंकुश लगाने का निर्देश भी दिया.

जनशिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो : डीजीपी

करीब तीन घंटे तक चली बैठक में डीजीपी ने कहा कि आमजन में जनता के प्रति विश्वास बनाए रखने के लिए जनशिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो और जनता को इससे अवगत भी कराया जाये. डीजीपी ने बताया कि वह खुद हर दिन कार्यालय में आने वाले 40-50 लोगों से रोज मिल रहे हैं और उनकी समस्याओं को दर्ज किया जा रहा है. इन शिकायतों पर कार्रवाई के लिए जिलों के पुलिस पदाधिकारियों को शिकायतें भेजी जा रही हैं. इन शिकायतों पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी हर माह समीक्षा भी की जायेगी. उन्होंने जिलों के एसपी से लेकर रेंज के डीआइजी-आइजी को भी जनता से मिलने का निर्देश दिया. इसके लिए समय निर्धारित करने को कहा गया है. अपराध नियंत्रण को लेकर डीजीपी ने पांच बिंदुओं प्रिवेंशन (बचाव), प्रिडिक्शन (पूर्वानुमान), डिटेक्शन (चिह्नित करना), प्रोजिक्यूशन (अभियोजन) और पर्सेप्शन (धारणा) पर काम करने का निर्देश दिया. बैठक में डीजी एके अंबेडकर, एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार, निर्मल कुमार आजाद, पंकज दराद, डा. अमित कुमार जैन, सुनील कुमार, कमल किशोर सिंह, पारस नाथ, बच्चू सिंह मीणा, अजिताभ कुमार, संजय सिंह, अमृत राज समेत कई वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे.

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