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पटना में बालू माफियाओं को हथियार बेचने वाले दो अपराधी गिरफ्तार, कस्टमर बन कट्टा खरीदने गयी थी पुलिस

पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए कस्टमर बन कर पहले गोपालपुर गांव के बारहवफाती नाम के शख्स के पास पहुंची. पुलिस ने दो हथियार खरीदने का वादा किया, तो उसने 20 हजार रुपये दो कट्टे की डील की. जैसे ही उसने हथियार दिखाया पुलिस ने पकड़ लिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2023 12:57 AM

पटना पुलिस की विशेष टीम ने लेथ मशीन के जरिये अवैध हथियार बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले पुलिस ने नौबतपुर थाने के गोपालपुर गांव से बारहवफाती नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है और उसकी निशानदेही पर पिपरा थाना क्षेत्र के बेहरवा चकिया निवासी सुनील दास को गिरफ्तार किया. साथ ही लांग बैरल कट्टा (थरनट) समेत तीन कट्टे और छह कारतूस बरामद किये गये हैं. सुनील दास के पास से राइफल का अर्धनिर्मित एक बोल्ट, एक बेस मशीन, दो बड़ा रेती, चार छोटा रेती और पांच ब्लेड बरामद हुआ. इस गिरोह का एक सदस्य सोनू फरार है. गिरोह में और लोग भी शामिल है.

बालू माफियाओं को बेचते थे हथियार 

सोमवार को प्रेस कान्फ्रेंस में एसएसपी डॉ मानजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित लेथ मशीन पर हथियार बनाकर बालू नौबतपुर के बालू माफियाओं को बेचते थे. यही नहीं, वे अन्य आपराधिक गिरोह और बिहार के अन्य जिलों में भी हथियार की सप्लाइ करते थे. विशेष टीम फिलहाल इसके नेटवर्क को खंगालने में जुटी है और खरीदने वाले के अलावा रॉ मेटेरियल उपलब्ध कराने वालों के नाम मिले हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जल्द ही छापेमारी करेगी.

कस्टमर बन कर गयी पुलिस की 20 हजार में हुई थी डील

एसएसपी ने बताया कि नौबतपुर में अवैध हथियार निर्माण की सूचना मिली. पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए कस्टमर बन कर पहले गोपालपुर गांव के बारहवफाती नाम के शख्स के पास पहुंची. पुलिस ने दो हथियार खरीदने का वादा किया, तो उसने 20 हजार रुपये दो कट्टे की डील की. जैसे ही उसने हथियार दिखाया पुलिस ने पकड़ लिया. इसके बाद उसी के निशानदेही पर सुनील दास को पकड़ लिया.

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दिल्ली में लेथ मशीन पर बोतल कैप बनाने का करता था काम

जानकारी के अनुसार मुख्य सरगना सुनील दास है. वह पहले दिल्ली में लेथ मशीन पर बोतल कैप बनाने का काम करता था. पांच साल पहले काम छोड़ कर वह पटना आ गया. इसी दौरान बंगाल के एक शख्स के साथ उसकी मुलाकात हुई. वह पहले मुंगेर में अवैध हथियार बनाने का काम कर चुका था. उसी के कहने पर और बताये गये तरीकों के बाद अवैध हथियार निर्माण का धंधा शुरू कर दिया. वह फिनिशिंग कट्टा 15 से 20 हजार और नॉन फिनिशिंग कट्टा को 10 से 12 हजार रुपये में बेचता था.

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