इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की बैठक की गहमागहमी के साथ ही बिहार मे गुरुवार को राजनीतिक तापमान गरमाया रहा. सूत्रों के अनुसार, इंडिया के प्रमुख घटक शिवसेना के नेता उदव ठाकरे ने बिहार मे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद व अन्य वरीष्ठ नेताओं से गठबंधन के संयोजक पद व अन्य मुद्दों को लेकर विमर्श किया. माना जा रहा है कि उन्होंने संयोजक पद के लिए नीतीश कुमार के नाम पर अपनी सहमति भी दी है.
दूसरी ओर, कांग्रेस की सीट शेयरिंग कमेटी ने बिहार समेत दूसरे राज्यो मे सहयोगी दलो के साथ सीटो के बंटवारे संबंधी रिपोर्ट राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष को सौप दी. जल्द ही इस पर बैठक होगी और फैसले की जानकारी साझा की जायेगी. सीट शेयरिंग कमेटी के संयोजक मुकुल वासनिक ने बैठक के बाद दिल्ली मे कहा कि घटक दलो मे कौन सी सीट पर कौन लड़ेगा, इसका ब्योरा मल्लिकार्जुन खरगे को सौप दिया है. शीघ ही इसपर चर्चा शुरु करने जा रहे है.
पटना मे गुरुवार को दोपहर के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गया दौरे से लौटने के बाद सबसे पहले सीएम नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पहुंचे. करीब आधे घंटेतक तेजस्वी यादव सीएम के साथ रहे. नीतीश कुमार को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद और नये साल मे तेजस्वी यादव के साथ उनकी यह पहली मुलाकात थी.
हालांकि दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात की आधिकारिक जानकारी नही मिल सकी, लेकिन माना जा रहा है कि ताजा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई है. जदयू के भीतर भी दिनभर हलचल रही. सूत्रों के मुताबिक, देर शाम पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और विधान परिषद के सभापति देवेशचंद ठाकुर ने भी सीएम से मुलाकात की.
समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी और एससी-एसटी कल्याण मंत्री रतनेश सदा ने इंडिया गठबंधन मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार घोषित करने की मांग की है. जदयू प्रदेश मुख्यालय मे जनसुनवाई के बाद पत्रकारो से बातचीत में मदन सहनी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार का नाम आगे ही बढ़ाना है तो प्रधानमंत्री पद के लिए आगे बढ़ाना चाहिए. वैसे तो उन्हें कोई पद नही चाहिए, ये बात वो कई बार कह चुके है. उनका मकसद सिर्फ भाजपा को रोकना है. उन्होने कहा कि बिना संयोजक घोषित हुए नीतीश कुमार ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर संयोजक की जिम्मेदारी निभा दी है.
इंडिया गठबंधन में सीएम नीतीश कुमार सबसे अनुभवी नेता है. उनके अनुभव का ही परिणाम है कि सारे विपक्षी दल एकजुट हुए है. बिहार मे हुए विकास कार्य की वजह से देशभर मे नीतीश कुमार की छवि विकास पुरुष के रुप मे उभरी है. इसलिए देश की जनता भी चाहती है कि नीतीश कुमार देश का नेतृत्व करे. साथ ही, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रतनेश सदा ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक नही बनाया गया तो भी जदयू इंडिया गठबंधन मे रहेगा.
उन्होने अपना व्यक्तिगत सुझाव देते हुये कहा कि इंडिया की बेहतरी और भाजपा को हराने के लिए नीतीश कुमार के चेहरे को आगे करना चाहिए.उन्हें ही संयोजक बनाया जाना चाहिए और पीएम का चेहरा भी घोषित करना चाहिए. अगर ऐसा नही होता है तो भाजपा फिर से सत्ता मे आ जाएगी. उन्होने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग है जो निचले तबके के लोगो को ऊपर की कुर्स पर बैठते देखना नही चाहते.
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