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Pollution: बिहार की हवा कर रही बीमार, सीवान सबसे प्रदूषित, पटना का एक्यूआइ 242 के पार

Pollution: राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई शहरों का एक्यूआइ प्रदूषित हो गया है. पिछले 24 घंटे में सीवान की हवा 294 यानि खराब श्रेणी में दर्ज की गयी.

By Ashish Jha | November 11, 2024 10:02 AM
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Pollution: पटना. दिवाली और छठ गुजर गई, लेकिन बिहार में अभी ठंड पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन-चार दिनों तक तापमान में कोई गिरावट नहीं होगी. इसके चलते गर्मी लोगों को परेशान करेगी. इस बीच, हवा में नमी बढ़ने के कारण धूल के कणों की मात्रा बढ़ गई है, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है. राज्य के कई जिलों की हवा ‘जहरीली’ हो गई है. राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई शहरों का एक्यूआइ प्रदूषित हो गया है.

सीवान का एक्यूआइ 294 दर्ज

पिछले 24 घंटे में सीवान की हवा 294 यानि खराब श्रेणी में दर्ज की गयी. वहीं राजधानी का एक्यूआइ भी 243 यानि खराब दर्ज किया गया. इसके अलावा उत्तर बिहार के अन्य शहरों की हवा भी येलो जोन यानि खराब स्थिति में मॉनिटर की गयी. इसमें हाजीपुर का एक्यूआइ 209, मुजफ्फरपुर का 207 व छपरा का 229 दर्ज किया गया. वहीं बीते साल ठंड के मौसम में दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किये जाने वाले बेगूसराय का एक्यूआइ 147 दर्ज किया गया.

पटना में समनपुरा की हवा सबसे प्रदूषित, एक्यूआइ – 341

राजधानी पटना में अलग-अलग दिशाओं में लगाये गये छह एक्यूआइ स्टेशनों में से समनपुरा की हवा सबसे प्रदूषित दर्ज की गयी. रविवार को समनपुरा इलाके का एक्यूआइ 341 दर्ज किया गया. वहीं समनपुरा की अलावा मुरादपुर का एक्यूआइ 178 मॉनिटर किया गया. पटना पश्चिमी क्षेत्र में लगे डीआरएम कार्यालय में लगे एक्यूआइ स्टेशन पर कोई सूचना नहीं प्राप्त हो सका. वहीं शिकारपुर, पटना सिटी की हवा 217 दर्ज की गयी.

लोग पड़ रहे बीमार

राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई शहरों का एक्यूआइ प्रदूषित होने के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी हो रही हैं. दिन में गर्मी और रात में ठंड के कारण वायरल बुखार, सर्दी और खांसी जैसे लक्षण हर घर में देखने को मिल रहे हैं. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि कुछ इलाकों में शायद ही कोई ऐसा घर बचा हो, जिसके यहां सर्दी, बुखार, खांसी और सिरदर्द की समस्या से ग्रसित मरीज नहीं हों. डॉक्टरों का कहना है कि बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के दवाएं नहीं लेनी चाहिए. चिकित्सकों का कहना है कि ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 150 मरीजों की जांच होती है, जिसमें अधिकांश संख्या वायरल वालों की है. वहीं समुचित इलाज होने के बाद इन मरीजों के ठीक होने में लगभग चार-पांच दिन लग रहे हैं.

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