Pollution: पटना. बिहार में वायु गुणवत्ता की जांच के लिए मुजफ्फरपुर व बेगूसराय में आधुनिक प्रयोगशाला का निर्माण किया जायेगा. प्रदूषण बोर्ड से मिली जानकारी के इस प्रयोगशाला को बनाने में करीब 60 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे. दरअसल बिहार में सर्दी के मौसम में 16 शहरों की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की जाती हैं, जिसमें पटना, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, सीवान, कटिहार, किशनगंज, अररिया, औरंगाबाद, गया, पूर्णिया व अन्य शहरों की हवा में पीएम 10 व पीएम 2.5 की मात्रा अधिक मॉनीटर की जाती हैं.
बेगूसराय का एक्यूआइ 400 के पार
उत्तर बिहार के कई शहरों की वायु गुणवत्ता रेड जोन यानि 300 के पार दर्ज की जाती हैं. वहीं सर्दियों के मौसम में बेगूसराय शहर का एक्यूआइ इस साल 400 के पार यानि गंभीर श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है. इस पर प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव एस चंद्रशेखर ने बताया कि बेगूसराय में एक्यूआइ स्टेशन के पास ही मेगा प्रोजेक्ट का निर्माण किया जा रहा हैं. जिस कारण बेगूसराय की हवा में प्रदूषण की मात्रा अधिक दर्ज की जाती है.
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दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना था बेगूसराय
इसी प्रकार पिछले साल मार्च महीने में स्विट्जरलैंड की एक रेटिंग एजेंसी ने बेगूसराय को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर माना था, जिस पर बोर्ड ने आपत्ति दर्ज की थी. हाल ही में भागलपुर व पूर्णिया में भी एक्यूआइ लैब बनाने के लिए राशि स्वीकृति की जा रही है, ताकि प्रदेश के शहरों की वायु गुणवत्ता में खराबी की जांच की जा सके. वहीं राजधानी के पाटलिपुत्र में भी 2026 तक अत्याधुनिक प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम जारी है.