बिहार जाति आधारित सर्वेक्षण का पोर्टल हुआ लॉन्च, पहले चरण के सभी आकड़ों को किया जाएगा अपलोड
बिहार में हो रही जाति की गणना के पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है. प्रथम चरण में एकत्रित किए गए सभी आंकड़ों को अब इस पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा और ये आंकड़े मोबाइल एप पर द्वितीय गणना के समय प्रगणक और पर्यवेक्षकों को उपलब्ध होंगे.
बिहार जाति आधारित सर्वेक्षण पोर्टल को सोमवार को मुख्य सचिव द्वारा लॉन्च किया गया. मुख्य सचिवालय में इस को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव, बेल्ट्रॉन के प्रबंध निदेशक, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव समेत अन्य वरीय पदाधिकारी गण उपस्थित थे. यह पोर्टल जातीय सर्वेक्षण कार्य में सभी प्रकार के डिजिटल प्रबंधन के लिए उपयोगी होगा.
पहले चरण के आकड़ों के आधार पर दूसरे चरण की गणना होगी
बिहार में हो रही जाति की गणना के पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है. प्रथम चरण में एकत्रित किए गए सभी आंकड़ों को अब इस पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा और ये आंकड़े मोबाइल एप पर द्वितीय गणना के समय प्रगणक और पर्यवेक्षकों को उपलब्ध होंगे. इसके आधार पर दूसरे चरण की गणना होगी.
पहले चरण में ढाई करोड़ से अधिक परिवारों की हुई गिनती
जाति गणना के पहले चरण में राज्य भर में करीब दो करोड़ 58 लाख 90 हजार 497 परिवारों तक गणना कर्मियों ने पहुंच कर मकानों की नंबरिंग की. पहले चरण में परिवार के मुखिया का नाम और वहां रहने वाले सदस्यों की संख्या को अंकित किया गया था. सात जनवरी से शुरू हुए पहले चरण की जाति गणना में पांच लाख 18 हजार से अधिक कर्मी लगाये गये थे.
अप्रैल में शुरू होगा दूसरा चरण
दूसरे चरण में एक से 30 अप्रैल तक जाति की गणना की जाएगी. इस चरण में लोगों से 26 प्रकार की जानकारी ली जायेगी. राज्य के बाहर रहने वाले लोगों के नाम भी दर्ज किये जायेंगे. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी डीएम को निर्देश भेज दिया है. जाति गणना के लिए टोला सेवक, तालिमी मरकज, ममता, आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदियां, शिक्षक, कृषि समन्वयक, मनरेगा कर्मी, रोजगार सेवक और विकास मित्र को जिम्मेवारी दी गयी है