17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Patna News : डाक टिकट अतीत से जुड़ने का माध्यम : राज्यपाल

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने गुरुवार को तीन दिवसीय राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस माैके पर उन्होंने कहा कि डाक टिकट हमारे अतीत से जुड़ने का एक अच्छा माध्यम है.

संवाददाता, पटना : राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि डाक टिकट हमारी परंपरा, संस्कृति और इतिहास से जुड़ने का एक अच्छा माध्यम है. इसके द्वारा हम अपने अतीत में झांक कर देख सकते हैं. गुरुवर को ज्ञान भवन में आयोजित राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी-2024 के उद्घाटन सत्र में राज्यपाल ने कहा कि पहले संदेशों का आदान-प्रदान पत्रों से हुआ करता था, लेकिन आज डिजिटल युग में यह मोबाइल आदि से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि डाक टिकट हमारे अतीत से जुड़ने का एक अच्छा माध्यम है. विभिन्न महापुरुषों पर आधारित डाक टिकटों के माध्यम से हमें उनका स्मरण होता है और प्रेरणा भी मिलती है. डाक टिकट आज भी प्रासंगिक हैं. पहले कॉपर के डाक टिकट होते थे, जिनकी कीमत आज करोड़ों में है. पैसे के लिए डाक टिकटों का संग्रह अलग बात है, पर अतीत को जानने व समझने के दृष्टिकोण से इसका काफी महत्व है.

चाणक्य, चंद्रगुप्त व आर्यभट्ट पर विशेष आवरण किया जारी

राज्यपाल ने इस मौके पर कबूतर के माध्यम से पत्र भेजा, जिसका उत्तर उन्हें हरकारा ने लौटती डाक से लाकर दिया. उन्होंने चाणक्य, चित्रगुप्त और आर्यभट्ट पर विशेष आवरण और ऋषियाें पर आधारित चित्र पोस्टकार्ड का विमोचन किया. उन्होंने डाक टिकट प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया.

दर्शकों के लिए अतिदुर्लभ ताम्र टिकट हैं कौतूहल का विषय

डाक टिकट प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद डाक टिकट डिजाइन, पत्र लेखन व नृत्य प्रतियोगिताएं शुरू हुईं, जिनमें लगभग 200 स्कूलों के करीब 5000 बच्चों ने भाग लिया. बच्चों के लिए स्पॉट क्विज भी हुआ, जिससे उन्हें फिलाटेली के बारे में भी जानकारी मिली. प्रदर्शनी के पहले दिन विशेष आवरण जारी किये गये. इनमें चाणक्य, चंद्रगुप्त व अर्थशास्त्र, पिक्चर पोस्ट कार्ड बिहार के ऋषि, कबूतर पोस्ट आदि प्रमुख हैं. इसके अलावा सिंध डॉक डाक टिकट (भारत का पहला चिपकने वाला डाक टिकट), पैनी ब्लैक डाक टिकट : डाक सेवा का एक क्रांतिकारी अध्याय, हरकारा : भारत के डाक तंत्र का एक महत्वपूर्ण अतीत आदि के आवरण को भी जारी किया गया. विश्व के प्रथम पूर्व पेमेंट डाक टिकट – ताम्र टिकट के आवरण को भी जारी किया गया. एक मार्च, 1774 को डाक शुल्क के अग्रिम अदायगी के लिए 1 और 2 आना मूल्यवर्ग में सिक्के के आकार के ताम्र टिकट ढाले गये थे, जिन पर पटना पोस्ट टंकित था. कार्यक्रम में पद्मभूषण डॉ सीपी ठाकुर बिहार संग्रहालय के निदेशक अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी विनय कुमार, मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार, डॉ राणा सिंह, पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ रासबिहारी प्रसाद सिंह, परिमल सिन्हा, मनोज कुमार एआइ हैदरी आदि मौजूद रहे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें