संवाददाता, पटना
मई माह में शहर में एक ही दिन में बिजली का खर्च 870 मेगावाट तक जा चुका है, जबकि बिजली विभाग ने 800 मेगावाट का अनुमान लगाया था. इसके कारण बिजली कट की समस्या बढ़ गयी है. बिजली विभाग के अनुमान के अनुसार जून में प्रतिदिन खर्च का आंकड़ा 900 मेगावाट तक भी पहुंच सकता है. इसलिए मजबूरन बिजली कंपनी को कई इलाकों में शटडाउन लेना पड़ रहा है और लोगों को बिजली कट की परेशानी हो रही है. बिजली विभाग के अनुसार इसका प्रमुख कारण शहर में एसी के इस्तेमाल का बढ़ना है. पेसू के जीएम श्री राम सिंह ने बताया कि मई महीने के शुरुआती सप्ताह से अब तक पूरे शहर भर में करीब 80 हजार से 85 हजार एसी बिक चुके हैं. इसके कारण इलाके के घरेलू ट्रांसफॉर्मर पर लोड अधिकतम से अधिक जा पहुंचा है. ऐसे में पीएसएस के सभी ट्रांसफॉर्मर पर पानी डाल कर ठंडा किया जा रहा है.
छह महीने से कंपनियां कर रही थीं तैयारी : जिले में पिछले छह महीने से बिजली कंपनी गर्मी में होने वाले अधिकतम बिजली खपत को लेकर तैयारी कर रही थी. इसके लिए हर इलाकों में रखरखाव का काम किया जा रहा था, ताकि एक दिन में अधिकतम 800 मेगावाट बिजली खपत होने पर भी बिजली उपभोक्ताओं को शटडाउन की परेशानी नहीं हो. लेकिन, बिजली कंपनी की तैयारी धरी की धरी रह गयी और एक दिन में अधिकतम खर्च 870 मेगावाट के पार बिजली खर्च जा चुका है. वहीं जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है और इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जून में प्रतिदिन 900 मेगावाट तक खर्च पहुंच सकता है. पिछले दस दिनों की बात करें तो रोजाना बिजली की खपत लगभग 750 मेगावाट से 850 मेगावाट के पास दर्ज की जा रही है. वहीं बात की जाये 31 मई की, तो यह लोड 863 मेगावाट के पार चला गया था. इस कारण एक दिन में 12 ट्रांसफॉर्मर एक साथ जल गये थे और लगभग शहर के 8 हजार में 75 प्रतिशत ट्रांसफॉर्मर क्षमता से अधिक लोड पर चल रहे थे. जीएम का कहना है कि इस बार प्रचंड गर्मी के कारण जून महीने में रोजाना खपत 900 मेगावाट के पार जा सकती है.
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