Patna News : एलएनएमयू व एमएमएचएपीयू ऑनलाइन डिग्रियां अपलोड करने में सबसे आगे, अपार आइडी बनाने में पीपीयू पहले स्थान पर

समीक्षा कार्यशाला में कई बातें उभर कर सामने आयीं. इसमें बताया गया कि बिहार वर्तमान में उच्च शिक्षा की डिजिटल इ-गवर्नेंस के मामले में 17वें स्थान पर है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 4, 2024 7:58 PM

-उच्च शिक्षा की डिजिटल इ-गवर्नेंस के मामले में बिहार 17वें स्थान पर

-उच्च शिक्षा में डिजिटल गवर्नेंस में बिहार एक कदम आगे : रेखा कुमारी

-ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने एबीसी-एनएडी, डिजिलॉकर पर 3,69,562 डिग्रियों को किया अपलोड

-पीपीयू ने 2,35,093 अपार आइडी बनायी

संवाददाता, पटना

बिहार सरकार राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों के सभी छात्रों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) के तहत अपार आइडी (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) प्रदान करने के लक्ष्य की ओर महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू) में तीन दिवसीय समीक्षा और पुनर्संरेखन कार्यशाला का समापन बुधवार को हुआ. समीक्षा कार्यशाला में कई बातें उभर कर सामने आयीं. इसमें बताया गया कि बिहार वर्तमान में उच्च शिक्षा की डिजिटल इ-गवर्नेंस के मामले में 17वें स्थान पर है. इसके साथ ही इसमें राज्य के विश्वविद्यालयों के किये गये कार्यों की चर्चा हुई. इसमें कई बातें उभर कर सामने आयीं. कार्यशाला में बताया गया कि राज्य के विवि में सबसे अधिक ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एलएनएमयू) ने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी), एनएडी डिजिलॉकर पर सबसे अधिक 3,69,562 डिग्रियां अपलोड की हैं. वहीं 1,79,997 अंकपत्र अपलोड किया है. अपार आइडी की संख्या अब तक अपडेट नहीं की गयी है. वहीं, इसके बाद दूसरे नंबर पर मौलान मजहरूल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय पटना की ओर से एबीसी-डिजिलॉकर पर 3,63,248 डिग्रियां व 2,54,421 अंक पत्र अपलोड किया गया है. वहीं, 1408 अपार आइडी बनाया है. दोनों यूनिवर्सिटी अपार आइडी बनाने के मामले में काफी पीछे है. जबकि अपार आइडी बनाने के मामले में पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (पीपीयू) पहले नंबर पर है. पीपीयू ने 2,35,093 अपार आइडी बनायी है. जबकि डिग्री अपलोड करने के मामले में पीपीयू तीसरे नंबर पर है. पीपीयू ने 2,11,518 डिग्रियां व तीन अंक पत्र अपलोड किये हैं. जबकि अपार आइडी बनाने में पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (पीपीयू) पहले नंबर पर है. कार्यशाला में तकनीकी सहायता एबीसी-एनडीए डिजिलॉकर के राज्य समन्वयक अरुण कुमार, चंडीगढ़ डिवीजन के जोनल हेड शुभम शर्मा ने बताया कि देश भर में बिहार वर्मतान में उच्च शिक्षा की डिजिटल इ-गवर्नेंस के मामले में 17वें स्थान पर है. बिहार में सकल नामांकन अनुपात को 17.1 से 20 और उससे अधिक तक बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं.

सात यूनिवर्सिटियों के अधिकारियों को रेखा कुमारी ने दी बधाई

यह बैठक उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी ने की. बैठक में परीक्षा नियंत्रक, उप नियंत्रक और एबीसी-एनएडी, डिजिलॉकर कार्यान्वयन के नोडल अधिकारी शामिल हुए. यह कार्यशाला भारत सरकार के शिक्षा विभाग के निर्देश पर आयोजित किया गया था. ताकि सभी स्टूडेंट्स के लिए अपार आइडी बनायी जा सके और 2023-27 शैक्षणिक सत्र के अंक पत्र अपलोड किये जा सकें. इस पहल का उद्देश्य स्टूडेंट्स के क्रेडिट को एकेडमिक बैंक क्रेडिट में संग्रह करना है. प्रो रेखा कुमारी ने डिजिटल गवर्नेंस के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाली सात यूनिवर्सिटियों के नोडल अधिकारियों को बधाई दी. मौके पर डॉ जावेद अख्तर, प्रो एनके अग्रवाल, प्रो एसपी सिंह के साथ अन्य लोग शामिल हुए. कार्यशाला में आदित्य समदर्शी ने धन्यवाद दिया.

विवि का नाम : एबीसी पर डिग्री अपलोड की संख्या : अंक पत्र अपलोड करने की संख्या : अपार आइडी बनाने की संख्या

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा : 3,69,562 : 1,79,997: …

मौलाना मजहरूल हक अरबी और फारसी विवि पटना : 3,63,248 : 2,54,421 : 1408

पाटलिपुत्र विवि : 2,11,518: 3: 2,35,093

वीर कुंवर सिंह विवि आरा : 88,002: 79,299: 98,169

आर्यभट्ट ज्ञान विवि पटना: 58,340: 16,557: 33,565

भूपेंद्र नारायण मंडल विवि मधेपुरा: 57,630: …: 76,522

मुंगेर विवि: 48,524:…: 67,368

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version