– जेडी वीमेंस कॉलेज में सम्मान समारोह सह प्रमाण पत्र वितरण समारोह में बोले कुलपति – मां प्रेमा फाउंडेशन की ओर से चल रहे मिथिला पेंटिंग प्रशिक्षण के दूसरे बैच को मिला प्रमाणपत्र संवाददाता, पटना शोध और नवाचार को लेकर छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी आगे आने की जरूरत है. समाज व देशहित के शोध प्रोजेक्ट के लिए विभिन्न फंडिंग एजेंसियां तैयार हैं. छोटे शोध प्रोजेक्ट के लिए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय भी सहयोग करेगा. ये बातें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने कहीं. वह जेडी वीमेंस कॉलेज में सम्मान समारोह सह मिथिला पेंटिंग छात्राओं के प्रमाणपत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे. कॉलेज में मां प्रेमा फाउंडेशन की ओर से मिथिला पेंटिंग को लेकर सर्टिफिकेट कोर्स का संचालन हो रहा है, इसके दूसरे बैच को प्रमाणपत्र दिया गया. कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध का माहौल तैयार करने की कवायद आरंभ हो गयी है. प्री-पीएचडी नामांकन टेस्ट की अधिसूचना हो चुकी है. अब शिक्षकों के लिए भी शोध को लेकर जल्द ही एक कार्यशाला आयोजित करायी जायेगी. इसके बाद वह प्रोजेक्ट लिखकर विभिन्न एजेंसियों को भेज सकेंगे. उन्होंने कहा कि मिथिला पेंटिंग की पहचान वैश्विक हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसे और आगे लेकर बढ़ रहे है. छात्राओं ने भी अब प्रशिक्षण प्राप्त किया है. वह इससे स्वरोजगार या स्टार्टअप खड़ा कर सकती हैं. आपका यह हुनर आपको काफी ऊंचाई तक पहुंचा सकता है. कॉलेज की प्राचार्या प्रो मीरा कुमारी ने बताया मां प्रेमा फाउंडेशन की ओर से सितंबर 2023 से प्रशिक्षण चल रहा है. इससे छात्राएं आर्थिक रूप से भी सबल बन रही हैं. यह प्रशिक्षण छात्राओं को पहचान दे रहा है. फाउंडेशन के सह संस्थापक जय शंकर सिंह ने कहा कि छात्राओं को बाजार मुहैया कराने के लिए जल्द ही इ-पोर्टल लांच किया जायेगा. इससे वह अपने उत्पाद को वैश्विक स्तर पर पहुंचा सकेंगी. समारोह में महाविद्यालय के संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक सूफी गायन कर सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. कार्यक्रम का संचालन प्रो रीता दास ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग के डाॅ नलिनी रंजन ने किया. कार्यक्रम में फाउंडेशन के सीइओ ज्योति, कॉलेज की बर्सर सह हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो रेखा मिश्रा, आइक्यूएसी समन्वयक प्रो मालिनी वर्मा, प्राॅक्टर डॉ वीणा अमृत, परीक्षा नियंत्रक प्रो अशोक कुमार यादव, नैक समन्वयक प्रो सुमिता सिंह, प्रो कुमकुम कुमारी, प्रो ब्रजवाला शाह, प्रो लक्ष्मी कुमारी, डॉ स्मृति आनंद आदि भी थीं.
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