बिहार में प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान 2024 की शुरुआत, पटना में 1800 से अधिक बच्चों को किया गया सम्मानित

Prabhat Khabar Pratibha Samman: पटना के एसके मेमोरियल गुरुवार को प्रभात खबर का प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस समारोह को कई अतिथियों ने संबोधित किया.

By Anand Shekhar | June 21, 2024 5:35 AM
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Prabhat Khabar Pratibha Samman: बिहार में प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान समारोह 2024 की श्रृंखला की गुरुवार को शुरुआत हो गयी. पटना के एसके मेमोरियल सभागार में महानगर के 10वीं और 12वीं के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के करीब 1800 से अधिक प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित किया गया. बच्चों व अभिभावकों से खचाखच भरे सभागार में समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि प्रतिभा के दम पर बच्चे माता-पिता के सपने को पूरा करें. कार्यक्रम में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले मेधावी बच्चों को मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. कार्यक्रम को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, चाणक्या लॉ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो फैजान मुस्तफा सहित अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया.

पढ़ाई और परीक्षा नहीं बनेगी बोझ

अपने संबोधन में नित्यानंद राय ने कहा कि जो बच्चे धैर्य रखते हैं, वे अपने जीवन की हर कठिनाई पर पार पा लेते हैं. आप लोगो में ऐसी क्षमताएं मौजूद हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे बच्चे जिनके कम अंक आये हैं, उन्हें किसी भी स्तर पर कमतर नहीं मानना चाहिए. वे भी बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने बच्चों से कहा कि आप अपनी प्रतिभा के दम पर हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरायेंगे. ज्ञान ही जीवन में सफलता दिलाती है.

Nityanand rai

मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई प्रखंड स्तर पर ले जायेगी सरकार- सम्राट चौधरी

उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में तकनीकी शिक्षा खासतौर मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई प्रखंड स्तर पर ले जायी जायेगी. सरकार इस दिशा में जल्द ही प्रभावी कदम उठायेगी. इस दिशा में निवेश किया जायेगा. खासतौर पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर निवेश को प्रोत्साहित किया जायेगा. उन्होंने ये बातें प्रभात खबर के प्रतिभा सम्मान 2024 समारोह को संबोधित करते हुए कहीं. इस दौरान उन्होंने प्रभात खबर को प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित करन के लिए धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा कि राज्य के बच्चे तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई करने दूसरे राज्यों में जाते हैं. इसमें करीब 20 हजार करोड़ रुपये राज्य से बाहर जाते हैं. यह चिंता की बात है. सरकार का प्रयास रहेगा कि हमारा पैसा कम से कम बाहर जाये. दरअसल इसे हम रोकना चाहते हैं. कहा कि राज्य हो या देश सभी जगहों पर पढ़ने वाले और पढ़ाने वालों में बिहारियों की संख्या ही अधिक है. यह हमारी क्षमताओं और संभावनाओं का परिचायक है.

Samrat chaudhary

चौधरी ने कहा कि हो सकता है कि कुछ मापदंडों पर राज्य शैक्षणिक लिहाज से पिछड़ा हो, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यूपीएससी और दूसरी कठिन परीक्षा पास करने वालों में सबसे ज्यादा बिहारी ही होते हैं. हमारे लोगों में प्रतिभा की कमी नहीं है. हम लोग अब शिक्षा के विकास में क्वांटिटी के साथ-साथ क्वालिटी पर फोकस करने जा रहे हैं. हम खासतौर पर तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्राइवेट सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करेंगे.

उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार ने अब निश्चय पार्ट टू के तहत 10 लाख से भी अधिक 12 लाख लोगों को नौकरी/ रोजगार देने जा रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कि बिहार ज्ञान की धरती है. यह मगध है. कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा का गौरव फिर से बहाल किया है. नालंदा विश्वविद्यालय को नये रूप में विकसित किया है.

केवल नीट और जेइइ की तरफ ही न देखें : प्रो फैजान मुस्तफा

प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान समारोह में सीएनएलयू के कुलपति प्रो फैजान मुस्तफा ने छात्रों एवं अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि वे केवल नीट और जेइइ की तरफ ही न देखें. इससे उनके अवसर सीमित हो जाते हैं. लॉ और दूसरे तमाम विकल्प हैं. जिसमें वह अपनी प्रतिभा साबित कर सकते हैं. पैसा और शोहरत कमा सकते हैं. उन्होंने विशेष रूप से लॉ के क्षेत्र में कैरियर के तमाम ऑप्शन भी गिनाये.

मुस्तफा ने कहा कि एक परीक्षा मसलन 12 वीं की परीक्षा इतना अहम नहीं होनी चाहिए. एडमिशन के लिए से एक से ज्यादा परीक्षा लेने के प्रोसेस पर सोचा जाना चाहिए. जैसा कि पहले होता था. साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि 12 वीं के बाद की परीक्षाओं में उसके अंकों का वेटेज देना चाहिए, जो 50 फीसदी तक होना चाहिए. उन्होंने यहां तक कहा कि संभव तो परीक्षा व्यवस्था खत्म कर दी जानी चाहिए.

प्रो मुस्तफा ने कहा कि सिर्फ परीक्षा केंद्रित शिक्षा व्यवस्था अच्छी नहीं होती है. उन्होंने कहा कि जो बच्चे कम अंकों से पास होते हैं, वे खराब नहीं होते हैं. अक्सर देखा गया है कि वे टॉपर्स से ज्यादा सफल होते हैं.

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