Prashant Kishor: प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 243 सीटों पर जन सुराज के उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुके हैं. प्रशांत किशोर पिछले 2 से ज्यादा वर्षों से बिहार के सभी जिलों में पैदल चल रहे हैं. जनसभा कर रहे हैं. ऐसे में विपक्षी दल का सवाल है कि आखिर उन्हें फंडिंग कर कौन रहा है? इतने पैसे कहां से आ रहे हैं. अब इस मामले में जदयू की एंट्री हो गई है. जदयू ने पूरे मामले को लेकर हिला देने वाला दावा किया है.
नीरज कुमार ने लगाए गंभीर आरोप
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरोप लगाया है कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को जॉय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन से फंडिंग हो रही है. यह एक प्रकार का चैरिटेबल ट्रस्ट है जिसके जरिए पीके को फंडिंग आ रही है. उन्होंने कहा कि चैरिटेबल फाउंडेशन के नाम पर पॉलिटिक्स चलाना टैक्स अनियमितता के एक बड़े मामले को जन्म देता है. इस तरह के फाउंडेशन के वित्तीय लेन-देन में कई सारी गंभीर अनियमितताएं पाई जाती हैं.
खुद को 50 लाख का डोनेशन क्यों किया
जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा, “प्रशांत किशोर को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी पार्टी और इस फाउंडेशन के बीच क्या संबंध है? उन्होंने स्वयं 50 लाख डोनेशन क्यों किया? जनता के लिए यह जानना बेहद आवश्यक है कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में करोड़ों रुपये का निवेश कहां से हो रहा है?”
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पार्टी को कंपनी संचालित कर रही है- जेडीयू प्रवक्ता
जेडीयू प्रवक्ता ने कहा, “यह पहली राजनीतिक पार्टी है जो एक कंपनी द्वारा संचालित हो रही है. जन सुराज पार्टी को जॉय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन से फंडिंग मिल रही है जो कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है. फाउंडेशन ने 2023-24 के दौरान ₹48.75 करोड़ डोनेशन प्राप्त किया, जो विभिन्न कंपनियों से आया, लेकिन इन कंपनियों की पूंजी से कहीं अधिक राशि डोनेट की गई. यह गंभीर सवाल उठाता है कि क्या यह डोनेशन सही तरीके से किया गया था या इसमें कोई गड़बड़ी थी? क्या प्रशांत किशोर और जॉय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन कंपनी के बीच कोई वित्तीय और राजनीतिक गठबंधन है?”
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