प्रशांत किशोर के ऐलान पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा कि गांधी जयंती पर शराबबंदी हटाने की घोषणा राष्ट्रपिता का राजनीतिक अपमान है. आबकारी अधिनियम के तहत गांधी जयंती के दिन देशभर में शराब की खरीद-बिक्री पर पूर्णतः प्रतिबंध रहता है. प्रशांत किशोर ने इस तरह का वक्तव्य देकर पूज्य बापू की आत्मा के साथ-साथ जनभावनाओं को भी गहरा ठेस पहुंचाया है.
घरेलू हिंसा में काफी कमी आयी
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शराबबंदी कानून से महिलाओं के विरुद्ध हो रहे घरेलू हिंसा में काफी कमी आयी है. एक रिपोर्ट के अनुसार शराबबंदी लागू होने से यौन हिंसा के मामलों में 21 लाख (3.6 फीसदी) की गिरावट दर्ज की गयी है, लेकिन प्रशांत किशोर को सामाजिक सुधार के विषयों से कोई लेना-देना नहीं है.
क्या सामाजिक दुर्गंध फैलाना चाहते हैं
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि महात्मा गांधी शराब के सेवन को एक सामाजिक बुराई मानते थे इसलिए हमारा सीधा प्रश्न है कि क्या प्रशांत किशोर शराबबंदी को खत्म कर प्रदेश में सामाजिक दुर्गंध फैलाना चाहते हैं? अगर यही उनकी मंशा है तो बिहार की जनता और खासकर महिलाएं इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि जनसुराज पार्टी की राजनीतिक आयु 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव तक ही है. उसके बाद उनकी झूठ की दुकानदारी पर स्थायी ताला लग जायेगा.
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