Prashant Kishore: जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के प्रणेता प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में अगली सरकार जन सुराज की होगी. उन्होंने ऐलान किया है कि वे न तो कभी जन सुराज के नेता थे और न ही भविष्य में होंगे. वे गांवों से सही लोगों का चयन कर रहे हैं और सभी कार्यकर्ताओं की सहमति से उन्हीं में से बिहार का नेता चुना जाएगा. प्रशांत किशोर ने यह बात रविवार को पटना के बापू सभागार में जन सुराज की राज्यस्तरीय कार्यशाला में कही.
एक साल होगी अध्यक्ष की कार्य अवधि
कार्यशाला में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि जन सुराज के अध्यक्ष की कार्यावधि एक वर्ष की होगी. बारी-बारी से सभी वर्गों को प्रदेश का नेतृत्व सौंपा जायेगा. इसमें दलित, मुस्लिम, अति पिछड़ा, पिछड़ा और सवर्ण जातियां शामिल हैं. पहला प्रदेश अध्यक्ष दलित समाज से होगा.
दो अक्टूबर को लॉन्च होगी पार्टी
प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि दो अक्टूबर को एक करोड़ संस्थापक सदस्यों में से डेढ़ लाख संगठन के पदाधिकारियों की मौजूदगी में जन सुराज राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तित होगा. इसका नाम जन सुराज पार्टी होगा. कार्यशाला में सात सदस्यीय चुनाव समिति की घोषणा की गई. इसमें पूर्व वैज्ञानिक ईआरएन सिंह, पूर्व शिक्षक डॉ भूपेंद्र यादव, अधिवक्ता गणेश राम, डाॅ मंजर नसीम, पूर्व आइएएस अरविंद सिंह, पूर्व आईएएस सुरेश कुमार शर्मा और स्वर्णलता सहनी शामिल हैं.
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बनी संविधान समिति
इस अवसर पर 131 सदस्यीय संविधान समिति की भी घोषणा की गई. यह समिति जन सुराज पार्टी के संविधान निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगी. कार्यशाला का संचालन डॉ. शकील मोईन और अधिवक्ता गणेश राम ने किया. बैठक को पूर्व सांसद मोनाजिर हसन, पूर्व विधायक किशोर मुन्ना, एमएलसी अफाक अहमद, संतोष महतो समेत अन्य नेताओं ने संबोधित किया.