Prashant Kishore Protest: बिहार की राजनीति में एक और बयानबाजी का मुद्दा उठ खड़ा हुआ है. JDU नेता गोपाल मंडल ने प्रशांत किशोर के धरने को लेकर तीखा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर के धरने से कोई हल नहीं निकलने वाला और वे एक नेता नहीं, केवल एक प्रचारक हैं. गोपाल मंडल ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि धरने से कोई क्रांति नहीं आ सकती और बिहार में रोज लोग मरते हैं, इसलिए एक-दो के धरने से कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा.
BPSC अभ्यर्थियों को ‘अजूबा’ करार दिया
गोपाल मंडल ने प्रदर्शन कर रहे BPSC अभ्यर्थियों पर भी हमला बोला. उन्होंने छात्रों को ‘अजूबा’ करार देते हुए कहा कि जब वह टीएनबी कॉलेजिएट में थे, तब प्रदर्शन करते वक्त शीशे तोड़ते थे. उनका यह बयान न केवल विवाद को बढ़ावा देने वाला था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बिहार की राजनीति में बयानबाजी का स्तर कितना गिर चुका है.
पप्पू यादव को हिंदुस्तान का नेता बताया
गोपाल मंडल ने पप्पू यादव की तारीफ की और उन्हें हिंदुस्तान का नेता बताया. हालांकि, उन्होंने पप्पू यादव की बड़बोली प्रवृत्ति पर भी तंज करते हुए कहा कि उनका निर्णय सही होता है, लेकिन वह अक्सर ज्यादा बोल देते हैं.
लाठीचार्ज का समर्थन किया
BPSC अभ्यर्थियों द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज पर गोपाल मंडल ने नीतीश कुमार का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा. उनका कहना था कि कोई भी उपद्रव करेगा, तो उससे निपटने के लिए कार्रवाई की जाएगी.
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JDU और अन्य सियासी दलों में बढ़ रहा मतभेद
गोपाल मंडल के बयानों से साफ है कि जेडीयू और अन्य सियासी दलों के बीच मतभेद और विवाद बढ़ते जा रहे हैं. BPSC अभ्यर्थियों के आंदोलन और प्रशांत किशोर के धरने के विरोध ने इस राजनीतिक उथल-पुथल को और तेज कर दिया है.