शिक्षा विभाग ने प्राइमरी स्कूलों के संग चल रही 5682 आंगनबाड़ियों के दो लाख से अधिक बच्चों की प्री-प्राइमरी कक्षाएं नवंबर माह में शुरू हो जायेंगी. इस दिशा में अनिवार्य तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. अक्तूबर में इन आंगनबाड़ियों की सहायिकाओं को प्री-प्राइमरी के बच्चों को पढ़ाने का विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा. सबसे खास बात यह होगी कि तीन से पांच साल तक के इन बच्चों पर प्रति बच्चे 13802 रुपये खर्च किये जायेंगे.
शिक्षा विभाग की तरफ से इन सभी प्री प्राइमरी कक्षाओं के संचालन से पहले इनकी क्लासों में झूले, टेबल-कुर्सी, आकर्षक रंगीन किताबें, खेलकूद के सामान, साउंड बॉक्स आदि दिये जाने हैं. बिहार शिक्षा परियोजना इस दिशा में लगातार कार्य योजना को प्रभावी करने में लगा है.
उल्लेखनीय है कि बिहार शिक्षा परियोजना इन बच्चों को पढ़ाने के लिए सिलेबस तैयार कर रहा है. प्रत्येक बच्चे को 120 रुपये की किताबें दी जायेंगी. दरअसल इन सभी आंगनबाड़ियों को प्राइमरी से पूरी तरह जोड़ दिया गया है. प्री-प्राइमरी बच्चों को पढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी सहायिकाओं को प्री प्राइमरी डिप्लोमा देने के संदर्भ में विमर्श किया जा रहा है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सैद्धांतिक तौर पर प्रदेश की सभी एक लाख चार हजार आंगनबाड़ियों को उनके निकटतम आंगनबाड़ी केंद्रों से जोड़ दिया है. संभवत: उनकी कक्षाएं अगले सत्र से शुरू होंगी. इसके लिए शिक्षा विभाग जल्दी ही कार्य योजना बनायेगा.
फिलहाल शिक्षा विभाग उन आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं को धरातल पर उतारने जा रहा है, जो अब भी प्राइमरी स्कूलों के परिसर में संचालित हैं. उल्लेखनीय है कि यह समूची कवायद नयी शिक्षा नीति के तहत की जा रही है.
Posted By: Thakur Shaktilochan