Prepaid Meter बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा कि सूबे के दो करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं में से 50 लाख उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं और उन्होंने इस पर पूरा भरोसा जताया है.
गुरुवार को विद्युत भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ग्राहकों से मीटर इंस्टॉल किये जाने को लेकर कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. सूबे में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रहीं पांच कंपनियां ही अगले दस वर्षों तक स्मार्ट मीटर की देखरेख और सॉफ्टवेयर का काम संभालेंगी. इन कंपनियों को प्रति माह मीटर के किराया के अतिरिक्त कोई राशि नहीं दी जाती है.
संपत्ति क्षति पहुंचाने वालों पर कानून के हिसाब से कार्रवाई
विपक्षी दल राजद के द्वारा प्रीपेड मीटर उखाड़ने का अभियान चलाने की घोषणा से जुड़े सवाल पर श्री यादव ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है. उपभोक्ताओं की सुविधा को लेकर प्रीपेड मीटर लगाये जा रहे हैं. अपने कार्यकाल में बिजली व्यवस्था को रसातल में रखने वाले लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले लोगों पर कानूनी प्रावधान के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी.
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राजद-कांग्रेस द्वारा 200 यूनिट तक फ्री बिजली देने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस-यूपीए की सरकार हैं, उनमें से कितने राज्यों में मुफ्त बिजली दी जा रही है? बिहार सरकार पहले से मुफ्त बिजली दिये जाने की योजना के खिलाफ है. सरकार उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने को लेकर इस साल 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी दे रही है. प्रेस कांफ्रेंस में ऊर्जा विभाग के सचिव सह बिजली कंपनियों के सीएमडी पंकज कुमार पाल व साउथ बिहार बिजली कंपनी के एमडी महेंद्र कुमार भी मौजूद रहे.
जगदानंद सिंह के प्रीपेड मीटर का औसत बिल घटा
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर आरोप लगाने वाले राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के आवासीय परिसर में लगे तीन प्रीपेड मीटरों की रीडिंग भी प्रेस कांफ्रेंस में जारी की. उन्होंने कहा कि जगदानंद सिंह के नाम से लिए गये कनेक्शन में जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक औसतन हर माह 220 यूनिट बिजली की खपत थी.
स्मार्ट प्रीपेड लगने के बाद फरवरी 2022 से जनवरी 2024 तक प्रति माह औसत बिजली खपत 184 यूनिट हो गयी. मतलब प्रीपेड मीटर लगने से 17 फीसदी कम बिलिंग हुई. इसी तरह, जगदानंद सिंह की बहू सरस्वती कुमारी के नाम से लगे मीटर की रीडिंग में कोई खास बदलाव नहीं हुआ जबकि बेटे दिवाकर सिंह के नाम से लगे मीटर में खपत बढ़ने से 12 फीसदी अधिक वार्षिक रीडिंग हुई.