कैंपस : साइबर क्राइम की रोकथाम को लेकर बीआइटी मेसरा में साइबर सेफ्टी अगेंस्ट चाइल्ड एब्यूज सेंटर का होगा निर्माण
बच्चों में बढ़ते साइबर क्राइम की रोकथाम को लेकर बीआइटी मेसरा में साइबर सेफ्टी अगेंस्ट चाइल्ड एब्यूज सेंटर का निर्माण होगा.
सवाददाता, पटना बच्चों में बढ़ते साइबर क्राइम की रोकथाम को लेकर बीआइटी मेसरा में साइबर सेफ्टी अगेंस्ट चाइल्ड एब्यूज सेंटर का निर्माण होगा. इसके जरिये एआइ के माध्यम से बिहार साइबर विंग को ट्रेनिंग दी जायेगी और टेक्निकल सपोर्ट भी किया जायेगा. बीआइटी मेसरा के डायरेक्टर डॉ विष्णु प्रिये की मानें, तो बिहार सहित देश में चाइल्ड एब्यूज बढ़ रहा है व इसकी रोकथाम के लिए यह निर्णय लिया गया है. बीआइटी मेसरा के द्वारा सॉफ्टवेयर बनाकर पुलिस को एआइ के माध्यम से डेटा दिया जायेगा, जिस पर पुलिस सही ढंग से काम कर सकेगी. भारत में साइबर क्राइम अगेंस्ट चिल्ड्रन को ऑस्ट्रेलिया के टेक्निकल सपोर्ट्स को अपनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि मोनाश यूनिवर्सिटी के डेलिगेट्स जून के मध्य में बिहार आयेंगे. उन्होंने बताया की 13 से 16 साल के बच्चों में साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहा है. उन्हें प्रोटेक्ट करना और उन्हें बताना बहुत जरूरी है. इसके लिए स्कूलों के बच्चों को भी अवेयर किया जायेगा. बीआइटी मेसरा के डायरेक्टर के नेतृत्व में पांच सदस्य डेलिगेशन टीम ऑस्ट्रेलिया मोनाश यूनिवर्सिटी गयी थी. ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया. इस प्रोजेक्ट में बिहार पुलिस का साइबर अपराध शाखा, आइआइटी पटना, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी तथा बीआइटी मेसरा शामिल होंगे. मोनाश विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया के द्वारा 85 प्रतिशत से अधिक सटीकता के साथ ऑनलाइन बाल यौन दुर्व्यवहार सामग्री का पता लगाने और उसका परीक्षण करने के लिए एक एआइ आधारित प्रणाली विकसित की गयी है. यूनिसेफ के द्वारा साइबर पीस फाउंडेशन और मोनाश यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी में साइबर सुरक्षा और सीएसएएम पर कार्य करने की पहल की गयी है. कार्यान्वयन, प्रशिक्षण, अनुसंधान, कानूनी जागरूकता के लिए भागीदार तथा नॉलेज पार्टनर होंगे. प्रस्तावित साझेदारी में प्रौद्योगिकी को समझने और सीखने के लिए मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में एक शिक्षण दौरा किया जा रहा है, जिसमें बिहार का प्रतिनिधिमंडल शामिल है.