एक लाख से अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चों को स्कूल लाने की तैयारी
एक लाख से अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चों को स्कूल लाने की तैयारी
पटना : शैक्षणिक सत्र वर्ष 2020-21 में एक लाख दस हजार से अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चे स्कूलों में लाये जायेंगे. इससे पहले उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. शिक्षा विभाग ने इसके लिए रणनीति बना ली है. यह वह बच्चे हैं, जो कुछ सालों से स्कूल नहीं पहुंचे हैं. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक प्रदेश भर के इन बच्चों की पहचान कर ली गयी है. इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि से लेकर इनसे जुड़ी समूची जानकारियों का डाटा संग्रह किया जा चुका है.
जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने इन बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाने और जरूरी कौशल सिखाने के लिए केंद्र से धनराशि की मांग की है. इसके लिए तय बजट मंजूरी के लिए केंद्र और राज्य के बीच 11 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित की जायेगी. उल्लेखनीय है कि आउट ऑफ स्कूल बच्चों की उम्र 6 से 14 साल है.
चिन्हित किये गये एक लाख दस हजार बच्चों में करीब 70 हजार बच्चे विशेष ट्रेनिंग योग्य हैं. उन्हें पढ़ाई के साथ काम भी सिखाया जायेगा. दरअसल ये वह बच्चे हैं, जो कहीं न कहीं कुछ काम करते हैं. शेष बच्चों को विभिन्न स्कूलों में नामांकन कराया जायेगा. इन्हें सामान्य स्कूली बच्चों के स्तर पर लाने के लिए विशेष कक्षाएं भी लगायी जायेंगी.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या कुल नामांकन का करीब एक फीसदी के आसपास रह गयी है. बिहार शिक्षा परियोजना की यह बड़ी सफलता है. उल्लेखनीय है कि चिन्हित किये गये बच्चे बिहार के अंदर ही पलायन करने वाले परिवारों के हैं, जिनमें अधिकतर ईंट भट्टों पर काम करते हैं.