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पीएमसीएच के शताब्दी समारोह में आयेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, 25 फरवरी को होगा नये भवन का लोकार्पण

PMCH : पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के नये भवन की डिजाइनिंग के लिए देश के बड़े-बड़े अस्पतालों का मुआयना किया गया, ताकि इसे वर्ल्ड क्लास बनाया जा सके. सारी सुविधाओं और व्यवस्थाओं को ध्यान में रखा गया ताकि ये हॉस्पिटल वर्ल्ड क्लास बन सके.

PMCH : पटना. 2025 में पटना मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल (पीएमसीएच) सौ साल का हो जाएगा. कॉलेज के शताब्दी समारोह में शामिल होने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक दिवसीय प्रवास पर 25 फरवरी को बिहार आ रही हैं. इसी दिन राष्ट्रपति मुर्मू के हाथों पीएमसीएच के नये भवन का लोकार्पण होगा. अभी से से इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं. बताया जा रहा है कि 24 एवं 25 फरवरी 2025 को पीएमसीएच का शताब्दी समारोह का आयोजन बापू सभागार में किया जाएगा. पीएमसीएच के शताब्दी समारोह में राज्य में कार्यरत चिकित्सकों के अलावा देश एवं विदेशों से काफी संख्या में पूर्ववर्ती छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है.

फरवरी 1925 में हुई थी पीएमसीएच की औपचारिक शुरुआत

पटना मेडिकल कॉलेज, पटना की स्थापना 1874 में टेंपल मेडिकल स्कूल के रूप में की गई थी. इसमें 30 छात्रों का प्रवेश था और पूरे कोर्स के लिए प्रति छात्र मात्र 2 रुपये फीस थी. यह चलन 1925 तक जारी रहा. इसके बाद टेंपल मेडिकल स्कूल को दरभंगा स्थानांतरित कर दिया गया और इसके स्थान पर प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज के रूप में जाना जाने वाला एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया. इस मेडिकल कॉलेज का औपचारिक उद्घाटन 25 फरवरी 1925 को किया गया था. दरभंगा महाराज समेत बिहार की विभन्न रियासतों से मिले दान से इस कॉलेज के भवनों का निर्माण किया गया था. 35 छात्रों के पहले बैच को मेडिकल कॉलेज बंगाल (वर्तमान में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज, कोलकाता) से प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज, पटना में स्थानांतरित किया गया था. यह मेडिकल कॉलेज बिहार में चिकित्सा शिक्षा का मशाल वाहक होने का दावा कर सकता है.

दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अस्पमाल होगा पीएमसीएच

कुल 48 एकड़ के क्षेत्र में फैले पीएमसीएच को 5,462 बेड की सुविधा के साथ दुनिया के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है. संपूर्ण पीएमसीएच पुनर्विकास परियोजना 2028 तक तीन चरणों में 5,544 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय के साथ पूरी होने का अनुमान है. देश में सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के रूप में विकसित किए जा रहे इस अस्पताल के लिए इमारत की छत पर एक हेलीपैड का प्रावधान किया गया है, जहाँ एयर एम्बुलेंस उतर सकती है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय कहते हैं, ”इस अस्पताल की डिजाइनिंग के लिए देश के बड़े-बड़े अस्पतालों का मुआयना किया गया, ताकि इसे वर्ल्ड क्लास बनाया जा सके. सारी सुविधाओं और व्यवस्थाओं को ध्यान में रखा गया ताकि ये हॉस्पिटल वर्ल्ड क्लास बन सके. उन्होंने दावा किया कि ”10,000 बेड का अस्पताल ताइवान में है. हम चीन से बड़े अस्पताल बनाने में सफल होंगे. ये ऐतिहासिक पल है.”

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