राजदेव पांडेय,पटना: एक ही प्रदेश में गेहूं, चावल, दाल, नमक, सरसों तेल आदि के थोक और खुदरा दाम में काफी अंतर है. व्यापारियों ने मनमर्जी से दाम तय कर रखे हैं. इन सब के मद्देनजर बिहार में खाद्यान्न एवं पदार्थों के मूल्य पर नजर रखने की कवायद शुरू की गयी है. हालांकि, खाद्य विभाग के पास व्यापारियों के केवल स्टॉक को नियंत्रित करने का अधिकार है.
दरअसल, अचानक महंगाई राजनीतिक संकट न बन जाये, इसके लिए खाद्य विभाग पूरे बाजार की मॉनीटरिंग कर रहा है. हैरत में डालने वाली बात यह है कि कीमतों के निर्धारण में मांग और पूर्ति का सिद्धांत भी काम नहीं कर रहा है.उदाहरण के लिए प्रदेश में नमक के दाम विभिन्न शहरों में अलग-अलग हैं. इनमें जमीन-आसमान का अंतर है.
सबसे महंगा नमक भागलपुर में चार हजार रुपये प्रति क्विंटल और 45 रुपये प्रति किलो है. वहीं, पूर्णिया में नमक के दाम 900 रुपये प्रति क्विंटल और 12 रुपये प्रति किलो हैं. पटना में इसके दाम 1700 रुपये प्रति किलो और खुदरा में 18 रुपये प्रति किलो हैं. दरभंगा मेें इसकी कीमत 970 रुपये प्रति क्विंटल और 13 रुपये प्रति किलो, मुजफ्फरपुर में 1800 और गया में 1600 रुपये प्रति क्विंटल और 20 रुपये प्रति किलो है.
इसी तरह 12 फरवरी को गेहूं का थोक मूल्य भागलपुर में सबसे ज्यादा 1850 रुपये, जबकि पटना और पूर्णिया में 1750 रुपये, मुजफ्फरपुर में 1700 रुपये, दरभंगा में 1500 रुपये प्रति क्विंटल रहा. बेशक अलग-अलग शहरों में इसके थोक मूल्य में अधिकतम 350 रुपये तक का अंतर है, लेकिन आम आदमी को बेचने के लिए गेहूं के खुदरा मूल्य में कोई खास अंतर नहीं दिखा. अगर थोड़ा- बहुत अंतर भी है भी, तो वह आम उपभोक्ता के लिए महंगा ही है.
उदाहरण के लिए पटना और पूर्णिया का थोक मूल्य एक समान होने के बाद भी पटना में गेहूं 20 रुपये और पूर्णिया में 22 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है.दरभंगा में सबसे कम 1500 रुपये प्रति क्विंटल होने के बाद भी यहां गेहूं के प्रति किलो का भाव 18 रुपये है, जो मुजफ्फरपुर के बराबर है, जबकि मुजफ्फरपुर में थोक मूल्य दरभंगा की तुलना में 200 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है.
भागलपुर में प्रति किलो गेहूं के दाम पटना के बराबर हैं, जबकि प्रति क्विंटल दाम पटना की तुलना में एक हजार रुपये से अधिक हैं. इस तरह गेहूं के थोक एवं खुदरा मूल्यों में अंतर बताता है कि इसकी खरीदारी पर व्यापारियों का एकाधिकार है. कमोबेश यही स्थिति दलहनी अनाज, प्याज, आलू,चावल और सरसों के तेल में है.
अरहर के दाम पटना में 105 रुपये, पूर्णिया में 96, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में 100 रुपये, दरभंगा में 85 रुपये और गया में 95 रुपये प्रति किलो हैं, जबकि इसका सर्वाधिक थोक मूल्य 9500 रुपये प्रति क्विंटल पटना और भागलपुर में है. सबसे कम थोक मूल्य दरभंगा में 7400 रुपये प्रति क्विंटल है.
पटना और मुजफ्फरपुर में प्याज 3700 रुपये, पूर्णिया में 3500 रुपये, भागलपुर और गया में 4000 रुपये और दरभंगा में 3200 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि इसका सर्वाधिक खुदरा मूल्य पटना और भागलपुर में 45 रुपये, मुजफ्फरपुर और गया में 44 रुपये और पूर्णिया व दरभंगा में 38-38 रुपये प्रति किलो है.
प्रदेश में चीनी के थोक मूल्य प्रति क्विंटल 3480 रुपये से 3800 रुपये तक है, लेकिन खुदरा मूल्य 42 से 38 रुपये के बीच है.
-आटा का मूल्य सबसे अधिक दरभंगा में 28 रुपये और सबसे कम 22 रुपये प्रति किलो है.
-सरसों का तेल सबसे महंगा गया में 145 और सबसे कम भागलपुर में 135 रुपये प्रति किलो है.
नोट : सभी आंकड़े खाद्य विभाग के 12 फरवरी के हैं.
विभाग खाद्य पदार्थों के थोक व खुदरा मूल्य की मॉनीटरिंग कर रहा है. हालांकि, कीमत नियंत्रण हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन जरूरी होने पर स्टॉक नियंत्रित कर सकते हैं. महंगाई नियंत्रित करने के लिए विभिन्न शर्तों पर स्टॉक लिमिट तय करने के कदम उठाये जाते हैं. विभाग उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए संकल्पशील है.
विनय कुमार , सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग
21 जनवरी से 15 फरवरी तक प्याज के भाव में अंतर
शहर- 21 जनवरी- 15 फरवरी- अंतर
पटना- 40 रुपये- 50 रुपये -10 रुपये
पूर्णिया- 40 रुपये- 40 रुपये -कोई अंतर नहीं
दरभंगा -35 रुपये -50 रुपये -15 रुपये
मुजफ्फरपुर- 36 रुपये- 45 रुपये -09 रुपये
गया -30 रुपये -50 रुपये- 20 रुपये
Posted By :Thakur Shaktilochan