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कैंपस : एकेयू : सप्लीमेंट्री एग्जाम में निजी कॉलेज के स्टूडेंट्स पास, सरकारी कॉलेज के फेल

आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (एकेयू) की मूल्यांकन व्यवस्था पर एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने सवाल खड़ा किया है. खास कर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने कई गंभीर आरोप लगाये हैं.

-सत्र 2022 के 150 से अधिक स्टूडेंट्स को लगा इयर बैक

– कई स्टूडेंट्स को पांच अंक, तो कुछ को 10 अंक देकर एकेयू ने किया फेल

संवाददाता, पटना

आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (एकेयू) की मूल्यांकन व्यवस्था पर एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने सवाल खड़ा किया है. खास कर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने कई गंभीर आरोप लगाये हैं. सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने कहा है कि निजी कॉलेजों के सभी स्टूडेंट्स को पास कर दिया गया है, वहीं, सरकारी कॉलेजों के स्टूडेंट्स को फेल कर दिया गया है. इस तरह की दोहरी नीति यूनिवर्सिटी प्रशासन अपना रही है, जो बिल्कुल गलत है. सभी स्टूडेंट्स को एक रूप से देखने की जरूरत है. यूनिवर्सिटी पहुंचने पर कोई बातचीत करने के लिए भी तैयार नहीं होते हैं. स्टूडेंट्स को भगा दिया जाता है.

किसी को दिया पांच तो किसी को दिया 10 अंक

बुधवार को रिजल्ट में सुधार और दोबारा परीक्षा आयोजित कराने की मांग को लेकर सरकारी मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस स्टूडेंट्स एकेयू पहुंचे थे, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गयी है. स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया है कि एकेयू प्रशासन ने निजी कॉलेज में जो भी स्टूडेंट्स सप्लीमेंट्री एग्जाम में बैठे थे वो सभी पास हो गये हैं. जबकि सरकारी कॉलेजों के स्टूडेंट्स को पुन: फेल कर दिया गया है. स्टूडेंट्स ने कहा कि कई स्टूडेंट्स को पांच अंक, तो किसी को 10 अंक, तो किसी को 20 अंक देकर फेल कर दिया गया है. जबकि परीक्षा 100 अंकों की थी. स्टूडेंट्स ने कहा कि सरकारी कॉलेज के स्टूडेंट्स को एकेयू लगातार परेशान कर रहा है. एमबीबीएस सत्र 2022 के 150 स्टूडेंट्स को इयर बैक लग गया है.

400 से अधिक स्टूडेंट्स ने दी थी सप्लीमेंट्री परीक्षा

छात्रों ने बताया कि फर्स्ट इयर की परीक्षा में 400 से अधिक स्टूडेंट्स ने सप्लीमेंट्री परीक्षा दी थी. इनमें से 129 के करीब निजी कॉलेज के स्टूडेंट्स थे. सप्लीमेंट्री एग्जाम में शामिल हुए निजी कॉलेज के सभी स्टूडेंट्स पास कर गये और सरकारी के 150 स्टूडेंट्स को इयर बैक लगा दिया गया है. कुलपति व परीक्षा नियंत्रक कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं. पिछले सात दिनों से एकेयू जा रहे हैं. कोई सुनने वाला नहीं है. हम लोग काफी परेशान हैं. सभी स्टूडेंट्स का री-एग्जाम कराया जाये. इस संबंध में जब परीक्षा नियंत्रक को फोन किया गया, तो उनका मोबाइल ऑफ था. वहीं, एकेयू कुलपति ने फोन नहीं उठाया.

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