अस्पतालों तक दवाएं प्राइवेट ट्रांसपोर्टेशन से पहुंचेगी, नहीं होगी कमी
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्वास्थ्य समिति को सौंपी जिम्मेदारी, एजेंसी की तलाश शुरू
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्वास्थ्य समिति को सौंपी जिम्मेदारी, एजेंसी की तलाश शुरू संवाददाता,पटना राज्य के सरकारी अस्पतालों में समय पर दवाएं पहुंचाना चुनौती का विषय बना हुआ है. बीएमएसआइसीएल के वेयरहाउस से से निकाल कर प्रखंड से नीचे के हेल्थ स्वास्थ्य उपकेंद्रों तक के अस्पतालों में दवाएं पहुंचाने में समय नष्ट हो जा रहा है. अब यह व्यवस्था होने जा रही है कि अस्पतालों की मांग पर बिना विलंब उन्हें आवश्यक दवाएं पहुंचायी जा सकें. स्वास्थ्य विभाग ने इस कार्य की जिम्मेदारी राज्य स्वास्थ्य समिति को सौंपी है. फिलहाल अभी यह व्यवस्था है कि बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम सरकारी दवाओं की खरीदारी करती है. इसके बाद यह दवाएं जिला के वेयर हाउस और यहां से मेडिकल काॅलेज अस्पताल से लेकर प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक दवाएं पहुंचाई जाती हैं. इस कार्य में काफी समय गुजर जाता है. नयी व्यवस्था में दवाओं की प्रखंड स्तर पर सहज पहुंच के लिए अलग से ट्रांसपोर्टेशन सेवा की मदद ली जायेगी. परिवहन सेवा पूरी तरह से प्राइवेट होगी. राज्य स्वास्थ्य समिति संबंधित परिवहन एजेंसी से करार करेगी. एजेंसी को करार के बाद दो प्रकार की परिवहन सेवा मुहैया करानी है. पहली सेवा के तहत जिला के गोदाम से दवाएं लेकर इन्हें जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र और जिलों के शहरी प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाना है. दूसरी सेवा के तहत जिले के गोदाम से लेकर इन्हें ब्लाॅक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्रों और अतिरिक्त प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र, हेल्थ वेलनेस तक दवाएं पहुंचानी हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति ने इसको लेकर टेंडर जारी कर दिया है.
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