अटल जी की डिजिटल क्रांति ने आज के भारत के निर्माण की नींव रखी : रविशंकर
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के 100वें जन्मदिवस के अवसर पर बुधवार को कॉलेज ऑफ कॉमर्स के सेमिनार हॉल में अटल शताब्दी स्मृति समारोह का आयोजन किया गया.
संवाददाता, पटना
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के 100वें जन्मदिवस के अवसर पर बुधवार को कॉलेज ऑफ कॉमर्स के सेमिनार हॉल में अटल शताब्दी स्मृति समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन मिथिला लोक फाउंडेशन और ब्रिटिश लिंगुआ संस्थान की ओर से किया गया. इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वाजपेयी जी ने देश की राजनीति को न केवल प्रधानमंत्री के रूप में बल्कि विपक्ष के नेता के रूप में भी आदर्श का जो मानदंड स्थापित किया, वह विरले ही किसी अन्य राजनेता ने किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री स्वर्ण चतुर्भुज सड़क परियोजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, डिजिटल क्रांति ने आज के भारत के निर्माण की नींव रखी. उन्होंने कहा कि पोखरण विस्फोट के माध्यम से भरत को एक परमाणु सम्पन्न देश बनाने में उनकी भूमिका ने आज भारत की सीमा को सुरक्षित कर दिया है. वहीं विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि बाजपेयी जी ने विपक्ष में रहते हुए भी आवश्यकता पड़ने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री चाहे इंदिरा गांधी हों या पीवी नरसिम्हा राव सबके साथ राष्ट्र हित में सहयोग कर देश को संकट से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. समारोह में पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो रासबिहारी सिंह ने विदेश मंत्री के रूप में उनकी उपलब्धियों की चर्चा करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में उनका पहला भाषण को यादगार बताया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मिथिलालोक फाउंडेशन एवं ब्रिटिश लिंगुआ के संस्थापक डॉ बीरबल झा, पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो नागेंद्र कुमार झा, वरिष्ठ अधिवक्ता मंजू झा व अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.अटल जी अपनी लेखनी से आम लोगों का किया मार्गदर्शन- प्रो अरुण भगत
बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रोफेसर अरुण कुमार भगत ने एक कवि के रूप में वाजपेयी जी को याद करते हुए कहा कि अटल जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे. उन्होंने अपनी कविताओं एवं लेखनी के माध्यम से भी आम जनता का मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वदेश, राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन का सफल संपादन किया. वे श्रेष्ठ साहित्यकार भी थे. उनकी पत्रकारिता और साहित्य सर्जना में भारत, भारतीयता तथा भारतबोध के तत्व विद्यमान हैं. पत्रकारिता जगत में उन्होंने अपनी अलग पहचान स्थापित की. उन्होंने पत्रकारिता के उच्च मानदंड स्थापित किये. डॉ भगत ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की पत्रकारिता में राष्ट्र प्रथम की भावना दिखाई देती है और सामाजिक सरोकार की भावना भी दिखती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है