पटना में Education एप से पढ़ाई करने पर 34 स्कूलों के बच्चों की प्रोग्रेस रिपोर्ट बेहतर, फीडबैक के बाद 65 नए स्कूलों का चयन
Education: पटना जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा चार से आठवीं के बच्चों को क्लासरूम की पढ़ाई के अलावा एजुकेशन एप के माध्यम से पढ़ाये जाने से विद्यार्थियों की प्रोग्रेस रिपोर्ट में सुधार हुआ है.
Bihar News: पटना के 34 स्कूलों में एजुकेशन एप के माध्यम से पढ़ाये जाने से विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर बेहतर हुआ है. Education एप से पढ़ाई करने पर विद्यार्थियों की हिंदी, गणित और अंग्रेजी विषय के पाठ्यक्रम को समझने और सवालों को हल में 60 प्रतिशत तक प्रोग्रेस हुआ है. इसमें जूनियर वर्ग के बच्चों में अक्षरों को पहचानने, रीडिंग और सही शब्द लिखने की क्षमता में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. वहीं कक्षा पांचवीं से आठवीं के बच्चों में गणित विषय में भी जोड़, घटाव, भाग व गुणा के सही जवाब लिखने में भी 70 प्रतिशत तक प्रोग्रेस दर्ज किया गया है. इसके अलावा गणित के पाठ्यक्रम के सवालों को हल करने में भी 40 प्रतिशत बच्चों की रिपोर्ट बेहतर दर्ज की गयी है. 34 स्कूलों की ओर से जिला शिक्षा कार्यालय को भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार एप और इंटरेक्टिव पढ़ाई से विद्यार्थियों की पढ़ाई में रुचि भी बढ़ी है. इंटरेक्टिव क्लास में बच्चों की उपस्थिति 90 प्रतिशत तक दर्ज की गयी है.
रिपोर्ट बेहतर होने पर 65 स्कूलों में शुरू होगी एप से पढ़ाई
विद्यार्थियों के बेहतर प्रदर्शन और फीडबैक लेने के बाद 65 नये स्कूलों का चयन किया गया है. फिलहाल वैसे स्कूलों का चयन एजुकेशन एप से पढ़ाने के लिए किया गया है, जहां आइसीटी लैब की व्यवस्था है. इन 65 स्कूलों के बच्चों को एजुकेशनल इनिशिएटिव प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से एप के माध्यम से पढ़ाया जायेगा. माइंड स्पार्क नामक एप के माध्यम से 30 से 40 मिनट का शैक्षणिक सेशन प्रतिदिन आयोजित कराया जायेगा. इसमें विषय के शिक्षक और कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर भी मौजूद रहेंगे.
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प्रत्येक स्कूल को मिलेंगे आठ से 10 टैबलेट
एजुकेशन एप से पढ़ाई में सहूलियत को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों को एजुकेशनल इनिशिएटिव प्राइवेट लिमिटेड की ओर से प्रत्येक स्कूलों में आठ से 10 टैबलेट भी मुहैया कराये जायेंगे. चयनित स्कूलों की ओर से कंपनी को स्कूलों के सभी शिक्षकों की सूची विषय और नाम के साथ दी जायेगी. सभी शिक्षकों का माइंड स्पार्क एप पर अपना लॉगिन आइडी और पासवार्ड होगा. बच्चों को पढ़ाने के साथ ही माइंड स्पार्क की टीम शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेगी. एजुकेशनल एप से पढ़ाई से होने वाले फायदे और बच्चों की प्रगति की रिपोर्ट प्रतिदिन स्कूल प्रबंधकों को जिला शिक्षा कार्यालय में मुहैया कराना होगा.