नितिश, पटना: पटना जिले में दानापुर सब रजिस्ट्री ऑफिस के तहत आने वाले दानापुर, खगौल, बिहटा और मनेर इलाकों में लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक प्लॉट व फ्लैट बिके. इन इलाकों की जमीन लोगों की पहली पसंद है. दानापुर सब रजिस्ट्री ऑफिस में चार महीने 10 दिनों में (अगस्त तक) 3673 रजिस्ट्री हुईं. 23 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन लगा और 20 अप्रैल को जिले के तमाम रजिस्ट्री ऑफिस में काम शुरू हुआ. दूसरे नंबर पर फुलवारीशरीफ सब रजिस्ट्री ऑफिस में 3190 प्लॉट व फ्लैट की रजिस्ट्री हुई. फुलवारीशरीफ, परसा, संपतचक, रामकृष्णा नगर व न्यू बाइपास के दक्षिण के इलाकों में भी लोगों ने प्लॉट व फ्लैट खरीदने में दिलचस्पी दिखायी, जबकि बाढ़ सब रजिस्ट्री ऑफिस के इलाके मसलन बाढ़, पंडारक, बख्तियारपुर, घोसवरी और मोकामा में सबसे कम जमीन की खरीद-बिक्री हुई. इन इलाकों में इस दौरान सिर्फ 1524 रजिस्ट्री हुई हैं.
जमीन की खरीद-बिक्री से राजस्व प्राप्त करने में पटना सदर पहले नंबर पर रहा. पटना सदर का अधिकतर इलाका शहरी क्षेत्र में है. यहां रजिस्ट्री के लिए सबसे अधिक राशि खर्च करनी पड़ती है. पटना सदर इलाके की जमीन का एमवीआर रेट अन्य इलाकों की जमीन से ज्यादा है. पटना सदर में जमीन की रजिस्ट्री से करीब 60 करोड़ 17 लाख 36 हजार 236 रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई. जबकि यहां 2932 रजिस्ट्री हुई. दूसरे नंबर पर दानापुर सब रजिस्ट्री ऑफिस में रजिस्ट्री से 41 करोड़ 34 लाख 76 हजार 194 रुपये का राजस्व मिला है. तीसरे नंबर पर फुलवारीशरीफ है. यहां रजिस्ट्री से 28 करोड़ 78 लाख 212 रुपये सरकार को प्राप्त हुए.
दानापुर, खगौल, बिहटा, मनेर आदि इलाकों में प्लॉट व फ्लैट खरीदने में लोगों की रुचि लगातार बनी हुई है. पिछले वित्तीय वर्ष में भी सबसे अधिक एक अरब 91 करोड़ 11 लाख 26 हजार 434 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. इन इलाकों में लोगों के प्लॉट खरीदने की रुचि कई कारणों से बढ़ी है. इनमें खास कर बिहटा में कई तरह की परियोजनाओं पर काम हुआ है और कई तरह के अन्य विकास कार्य भी जारी हैं. इसके अलावा निवेश के उद्देश्य से भी लोगों ने जमीन की खरीद इन इलाकों में की है. खास बात यह है कि इन इलाकों की जमीन की कीमत सिर्फ तीन-चार साल में ही दो-तीन गुनी हो चुकी है.
कोरोना के कारण पटना जिले में जमीन की खरीद-बिक्री व रियल इस्टेट का कारोबार पूरी तरह बंद हो चुका था. लेकिन, 20 अप्रैल से रजिस्ट्री ऑफिस खुलने और लोगों को जीवनयापन के लिए थोड़ी-बहुत छूट मिलने के बाद रियल इस्टेट के कारोबार ने धीरे-धीरे ऊपर उठना शुरू किया. अप्रैल में पटना सदर व दानापुर में 20 से अधिक रजिस्ट्री हुईं. पटना सदर में 26 और दानापुर में 21 रजिस्ट्री हुईं, जबकि पटना सिटी में चार, विक्रम में दो, मसौढ़ी में एक, फुलवारीशरीफ में सिर्फ दो ही रजिस्ट्री हुईं.
फ्लैटों के बजाय प्लॉट की अधिक बिक्री हुई है. प्लॉट व फ्लैटों की अलग-अलग रजिस्ट्री के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. लेकिन, अनुमान के तहत करीब 70% प्लॉट और 30% फ्लैटों की बिक्री हुई.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya