कैंपस : मेरिट लिस्ट जारी करने को लेकर सहायक उर्दू अनुवादक सफल अभ्यर्थी संघ का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
सहायक उर्दू अनुवादक सफल अभ्यर्थी संघ के सदस्य मंगलवार को बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) का घेराव करने पहुंचे
– कई उम्मीदवार घायल
-काउंसेलिंग के दो साल बीतने के बाद भी मेरिट लिस्ट नहीं हुई जारी, सड़क पर प्रदर्शन करने उतरे सहायक उर्दू अनुवादक सफल अभ्यर्थी संघसंवाददाता, पटना
सहायक उर्दू अनुवादक सफल अभ्यर्थी संघ के सदस्य मंगलवार को बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) का घेराव करने पहुंचे. इससे पहले ही पुलिस ने अभ्यर्थियों को शेखपुरा मोड़ के पास रोक लिया. कई लोग बीएसएससी की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों के साथ अरण्य भवन के पास काफी धक्का-मुक्की भी की. इसके बाद पुलिस ने जमकर लाठियां बरसायी. इस दौरान कई महिला अभ्यर्थी भी घायल हो गयीं. प्रदर्शन के दौरान कई महिलाएं बेहोश हो गयीं, जिनका इलाज वहां मौजूद उम्मीदवारों ने ही कराया. प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बीएसएससी ऑफिस से चिड़ियाघर तक खदेड़ दिया. प्रदर्शन में सहायक उर्दू अनुवादक के उम्मीदवार बड़ी संख्या में बिहार के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों से पटना पहुंचे थे.दो साल से मेरिट लिस्ट नहीं हुई प्रकाशित
प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों ने कहा कि हाल ही के दिनों में दो जुलाई और 21-22 जुलाई को सहायक उर्दू अनुवादक के उम्मीदवारों ने मेरिट लिस्ट प्रकाशित करवाने के लिए बीएसएससी के सामने प्रदर्शन किया था, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. बीएसएससी ने दो अगस्त को सहायक उर्दू अनुवादक की प्रारंभिक परीक्षा का अतिरिक्त परिणाम तीन साल बाद जारी किया है, इससे उन उम्मीदवारों की परेशानी बढ़ गयी है, जिनकी काउंसेलिंग दो साल पहले पूरी हो चुकी है. ऐसे उम्मीदवारों ने निराशा और असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें डर है कि मेरिट लिस्ट को लेकर उनके साथ कुछ भी हो सकता है. दो साल से वे अधिकारी, मंत्री से मिलकर अनुरोध कर रहे हैं, मेरिट लिस्ट प्रकाशित करवाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सभी ने आश्वासन दिया, किसी ने भी उचित सहयोग नहीं दिया, जिसके कारण अभी तक मेरिट लिस्ट जारी नहीं हुई.तीन साल बाद 291 उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा लेने की घोषणा अजीब फैसला
संघ ने बताया कि 2019 में बीएसएससी ने 1294 पदों पर सहायक उर्दू अनुवादक की बहाली निकाली थी, जिसके बाद 2021 में उक्त पद के लिए प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया. फिर मेंस परीक्षा के बाद जुलाई में 1374 उम्मीदवारों की काउंसेलिंग की कार्रवाई पूरी हो चुकी थी, जिसके बाद लगभग दो सालों तक मामला पटना हाइकोर्ट में लंबित होने के कारण आगे की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी. नवंबर 2023 में अदालत द्वारा मामले को खारिज करने के बाद कमीशन ने दोबारा 2227 उम्मीदवारों की काउंसेलिंग इस सूचना के साथ की कि उक्त खाली पदों के लिए उम्मीदवारों की संख्या कुछ कम हो रही है. 1294 पदों की बहाली के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी करनी थी, जिसके लिए 2227 उम्मीदवारों की काउंसेलिंग पूरी की जा चुकी है. कमीशन ने अंतिम परिणाम तैयार करने के दौरान गलती का हवाला देते हुए मेरिट लिस्ट प्रकाशित करने के बजाय तीन साल बाद और 291 उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा यानी पीटी में पास कर मेंस परीक्षा लेने की घोषणा कर दी, जो अजीब फैसला है.कोट : नहीं किया गया बलप्रयोग
बल प्रयोग नहीं किया गया है. प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल को बीएसएससी के कार्यालय में लेकर संबंधित पदाधिकारियों से मुलाकात करायी गयी, जहां उन्हें मेरिट लिस्ट प्रकाशित किये जाने से संबंधित आश्वासन दिया गया है. इसके बाद वे लोग वापस लौट गये.विनोद पीटर, एयरपोर्ट थानाध्यक्षडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है