पीयू : नये सत्र से शुरू होगी बीबीए-एलएलबी की पढ़ाई, पटना लॉ कॉलेज ने 300 सीटों के लिए दिया आवेदन
पटना यूनिवर्सिटी में नये सत्र से बीबीए-एलएलबी की पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद है. इसके लिए तैयारी शुरू है. पटना लॉ कॉलेज इसके लिए लगातार प्रयासरत है.
-सेल्फ फाइनेंस मोड में चलेगा
– 31 दिसंबर 2024 को बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा गया है प्रस्ताव, निरीक्षण के लिए जल्द आयेगी टीमअनुराग प्रधान, पटना
पटना यूनिवर्सिटी में नये सत्र से बीबीए-एलएलबी की पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद है. इसके लिए तैयारी शुरू है. पटना लॉ कॉलेज इसके लिए लगातार प्रयासरत है. कॉलेज ने पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और बैचलर ऑफ लॉ (बीबीए-एलएलबी) की पढ़ाई के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को 31 दिसंबर 2024 को प्रस्ताव भेज दिया है. कॉलेज के प्राचार्य प्रो वाणी भूषण ने बताया कि निरीक्षण के लिए टीम जल्द आयेगी. 300 सीटों पर नामांकन के लिए आवेदन किया गया है. सीटों की फाइनल स्वीकृति निरीक्षण करने के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया देगा. प्रो वाणी भूषण ने बताया कि जल्द ही इसकी स्वीकृति मिल जायेगी. नये सत्र 2025 से यह कोर्स सेल्फ फाइनेंसिंग मोड में चलेगा. इंटर के बाद स्टूडेंट्स डायरेक्ट बीबीए-एलएलबी में एडमिशन ले सकते हैं. इसमें स्नातक और लीगल (एलएलबी) दोनों ही डिग्री एक साथ समाहित है. इस कोर्स को करने के बाद छात्र-छात्राएं लॉ की प्रैक्टिस न्यायालयों में तो कर ही सकते हैं, साथ ही कॉरपोरेट जगत में लीगल एडवाइजर व प्रबंधन के क्षेत्र में कई तरह की नौकरियों का ऑप्शन होगा. पटना लॉ कॉलेज में 100 वर्षों से सिर्फ एक ही कोर्स स्नातक लॉ (एलएलबी) चल रहा है.बीबीए-एलएलबी की फीस होगी 35 हजार रुपये सलाना
इंटर के बाद इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. अनुमति मिलने के बाद प्रवेश के लिए एंट्रेंस टेस्ट को लेकर प्लानिंग की जायेगी. इसकी फीस प्रत्येक वर्ष 35000 रुपये होगी जो पांच वर्षों में 1 लाख 75 हजार के करीब होगी. प्राइवेट संस्थानों में यह कोर्स पांच से दस लाख के बीच हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि आगे भी कॉलेज में कई कोर्स खोलने की योजना है. बीबीए-एलएलबी की स्वीकृति के बाद आगे उनके लिए प्रयास किया जायेगा. जैसे बीए-एलएलबी, बीएससी एलएलबी, बीटेक एलएलबी, बीकॉम एलएलबी में से कोई एक कोर्स और शुरू किया जायेगा. इसके अतिरिक्त लॉ में मानवाधिकार, साइबर लॉ, लेबर लॉ, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ आदि में डिप्लोमा कोर्स की भी काफी डिमांड है, जिसे शुरू करने की योजना है. इसके अतिरिक्त सर्टिफिकेट कोर्स भी चलते हैं. उन्होंने कहा कि नैक की मान्यता के लिए कॉलेज को आवेदन करना है, ऐसे में और कई तरह के कोर्स कॉलेज में होने से उसका लाभ उसमें मिलता है. कॉलेज को अपग्रेड करने के लिए नये कोर्स को शुरू करना आज के समय की मांग है. प्राचार्य प्रो वाणी भूषण ने बताया कि वर्तमान में लॉ की पढ़ाई के कई सेक्टर हैं, जो लोकप्रिय हो रहे हैं. बीबीए-एलएलबी सबसे अधिक डिमांड में है, जो काफी पॉपुलर है. इसमें जॉब के कई सारे विकल्प हैं और अच्छी सैलरी भी मिलती है. साथ ही लीगल प्रैक्टिस का ऑप्शन भी बना रहता है. बीबीए-एलएलबी करने से छात्रों का अलग से एक या दो वर्ष का समय बच जायेगा. छह वर्ष की जगह पांच वर्ष में ही उनका कोर्स हो जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है