पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में नामांकन होने के बाद से प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने प्रचार-प्रसार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. प्रत्याशी कॉलेजों में घंटों छात्रों से बातें और वादे कर रहे हैं. चुनाव में इस बार अध्यक्ष पद के लिए आठ उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कोई सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने की बात कह रहा तो कोई कॉलेज में प्रोफेसरों की कमी पर काम करने की बात कर रहा है. हर उम्मीदवार अपने वादों के साथ ही जीत का दावा भी कर रहा है.
पप्पू यादव की पार्टी जाप (जन अधिकार पार्टी) से इस बार अध्यक्ष के पद के उम्मीदवार दीपांकर प्रकाश ने भी प्रभात खबर से बात करते हुए बताया कि वो इस बार किन मुद्दों पर छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया की जीतने के बाद वो छात्रों के लिए क्या काम करेंगे. दीपांकर ने कहा कि वो कोई पूंजीपति नहीं है, पप्पू यादव ने उनके संघर्ष को देखते हुए उन्हें इस बार अध्यक्ष पद के लिए चुना है.
दीपांकर ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलना चाहिए और जीतने के बाद वो इस मुद्दे पर काम करेंगे. उन्होंने विश्वविद्यालय की छात्राओं के लिए मुफ़्त छात्रावास एवं कैंपस में कानून व्यवस्था बहाल करने की बात की. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्रों को पटना में बन रहे मेट्रो में सफर करने की मुफ़्त व्यवस्था होनी चाहिए एवं साथ ही 24 घंटे फ्री लाइब्रेरी की सुविधा भी मिलनी चाहिए. दीपांकर ने छात्र वोटरों से अपील की है कि बिरयानी और गोलगप्पे के बहकाबे में नहीं आए. इस बार संघर्ष की जीत होगी एवं पूंजीपतियों की हार.
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में इस बार अध्यक्ष पद के आठ उम्मीदवार आदित्य रंजन, आनंद मोहन, दीपांकर प्रकाश, मानसी झा, प्रगति राज, साकेत कुमार और शाश्वत शेखर मैदान में हैं.
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पीयू छात्रसंघ चुनाव में इस बार सेंट्रल पैनल के लिए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, महासचिव व कोषाध्यक्ष पदों पर चुनाव होगा. इसके साथ ही कॉलेज काउंसिलर या फिर फैकल्टी काउंसिलर का भी चुनाव होना है. इन पदों के 19 नवंबर को सुबह से वोटिंग होंगी और सायं में ही परिणाम की घोषणा भी कर दी जाएगी.