बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को लगेगा झटका? दर वृद्धि पर जनसुनवाई, प्रीपेड मीटर बंद करने सहित रखी गयी कई मांगें
जनसुनवाई में लोगों ने बिजली वितरण कंपनी पर मनमानी का आरोप लगाया. सभी ने बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं करने, प्रीपेड मीटर बंद करने समेत कई मांगें आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा के सामने रखा.
पटना. बिहार विद्युत विनियामक आयोग की ओर से मंगलवार को विद्युत भवन के सभागार में जनसुनवाई का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न संगठनों की ओर से नॉर्थ और साउथ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लाये गये दर निर्धारण प्रस्ताव पर सुुझाव लिये गये. इस दौरान लोगों ने बिजली वितरण कंपनी पर मनमानी का आरोप लगाया. सभी ने बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं करने, प्रीपेड मीटर बंद करने समेत कई मांगें आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा के समक्ष रखीं.
विद्युत विनियामक आयोग के सामने राखी गयी मांगें
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बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय भरतिया ने टर्म्स एंड कंडीशन को हर साल नहीं बदलने, वार्षिक टैरिफ समय से पहले नहीं फिक्स करने, एचटीआइएस एक अप्रैल से लागू करने, एचटी ऑक्सीजन में 33 केवी को जोड़ने समेत अन्य मांगें रखीं.
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बिहार गैस मैन्युफैक्चरर्स के चेयरमैन ओपी सिंह ने कहा कि बिजली दर को नियंत्रण में नहीं रखा गया तो ऑक्सीजन इंडस्ट्री झारखंड समेत अन्य राज्यों में शिफ्ट हो जाएगी.
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बीआइए के वासुदेव प्रसाद ने विस्तृत मांगें आयोग के समक्ष रखीं.
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उपभोक्ता संघ ने अन्य राज्यों की बिजली दर का अवलोकन कर इसमें सुधार की मांग की.
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बिजली उपभोक्ता मोर्चा ने टैरिफ बढ़ाने का कारण पूूछा. साथ ही 200 यूनिट बिजली फ्री देने की मांग की.
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रामभजन सिंह यादव, ग्राहक पंचायत, सीपीआइ के प्रतिनिधि ने बिजली दर नहीं बढ़ाने की मांग की.
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मो. कैशर ने बिजली बिल जमा करने पर वाउचर देने की मांग की.
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जन संघर्ष मोर्चा के प्रदीप मेहता ने प्रीपेड मीटर खारिज करने की मांग की
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सिटीजन्स फोरम ने बिजली चोरी का डाटा जारी करने की बात कही.
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जमुई से आए किसान ने कृषि नियत प्रभाव की दर कम करने की मांग रखी तो वहीं एक अन्य उपभोक्ता ने बिजली चोरी के नाम पर प्रीपेड मीटर लगाकर जनता को चोर साबित करने की मुहिम बंद करने की बात कही. मौके पर आयोग के सदस्य आदि मौजूद थे.
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