10.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Pustak Mela: हरिवंश की चार दशक की पत्रकारिता में लिखे गये आलेखों का संकलन है ‘समय के सवाल’ श्रृंखला में प्रकाशित दस पुस्तकें

Pustak Mela: पटना पुस्तक मेला में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की दस पुस्तकों का लोकार्पण समारोह में पूर्व मुख्य सचिव श्री वीएस दुबे ने कहा कि हरिवंश जी एक पत्रकार ही नहीं मनीषी हैं. पुस्तकों का विकल्प मोबाइल नहीं है. पुस्तकों से हम दूर हो रहे हैं, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.

Pustak Mela: पटना पुस्तक मेला में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की दस पुस्तकों का लोकार्पण किया गया. ‘समय के सवाल’ श्रृंखला के तहत हरिवंश की दस किताबें ‘प्रकाशन संस्थान’ से प्रकाशित हुई है. इन दस किताबों के नाम क्रमश: बिहार सपना और सच, झारखंड संपन्न धरती उदास बसंत, झारखंड चुनौतियां भी अवसर भी, राष्ट्रीय चरित्र का आईना, पतन की होड़, भविष्य का भारत, सरोकार और संवाद, अतीत के पन्ने, ऊर्जा के उत्स, सफर के शेष हैं. इन पुस्तकों में बतौर पत्रकार, हरिवंश के 1977 से 2017 के बीच विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में लिखे गये पत्रकारी लेख शामिल हैं, जो रिपोर्ट, रिपोर्ताज, साक्षात्कार,अग्रलेख, यात्रा वृतांत आदि विधा में हैं.

लोकार्पण समारोह में इन लोगों ने रखे विचार

इन पुस्तकों में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के अंतिम दौर का साक्षात्कार है, तो चंद्रशेखर जैसे नेताओं से बातचीत भी. नक्सलवाद के शीर्ष नेताओं से लेकर अध्यात्म के शिखर मनीषियों से भी व्यवस्था और जीवन के गूढ़ प्रश्नों पर साक्षात्कार हैं. बिहार-झारखंड व देश के कुछेक अन्य सुदूर गांवों से रिपोर्ट हैं, तो अमेरिका और दुनिया के दूसरे विकसित मुल्कों की यात्रा और वहां के तत्कालीन सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक दृश्यों का चित्रण भी शामिल है. पुस्तक का लोकार्पण समारोह में पूर्व डीजीपी डी. एन. गौतम, पूर्व मुख्य सचिव बी.एस दुबे, बिहार म्यूजियम के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा, विनय कुमार ने अपने विचार रखे. इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी मौजूद रहे.

इन लोगों ने किया गायन किया

इस अवसर पर लोकगायिका चंदन तिवारी ने बिहारनामा का गायन किया. बिहारनामा में सुश्री चंदन तिवारी ने अपने दल के साथ हिंदी, भोजपुरी, मगही, मैथिली गीतों के गौरवशाली कविताओं का गायन किया. चंदन तिवारी ने बाबू रघुवीर नारायण रचित कालजयी कविता बटोहिया से गीत गायन की शुरुआत की. इस क्रम में उन्होंने शारदा सिन्हा को याद करते हुए विद्यापति का गंगा गीत, बड़ सुख सार पाओल तुअ तीरे… का गायन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. बिहारनामा में उन्होंने दिनकर कविता, लोहे के पेड़ हरे होंगे, तू गीत प्रेम का गाता चल… आरसी प्रसाद सिंह की कविता, यह जीवन क्या है निर्झर है… गोपाल सिंह नेपाली की कविता, बदनाम रहे बटमार मगर, घर तो रखवालों को लूटा… का गायन किया. वहीं मगही कवि मथुरा प्रसाद नवीन की मशहूर कविता, कसम खा हियो गंगा जी के… गायन किया और अंत में रसूल मियां की रचना ‘राम का सेहरा’ का गायन किया.

Also Read: Bihar News: मास्टर साहब स्कूल के समय में गये थे सब्जी लाने, तभी ACS एस सिद्धार्थ ने कर दिया वीडियो कॉल

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें