संवाददाता, पटना पटना जिले के हर थाने में क्यूआर कोड लगाया जायेगा. यह व्यवस्था पब्लिक का फीडबैक जानने के लिए की जा रही है. कोई भी लोग अगर थाने से संबंधित काम के लिए वहां जाते हैं, तो वे उस क्यूआर कोड को स्कैन कर अपना फीडबैक दे सकते हैं. मसलन उनकी बात 30 मिनट के अंदर सुनी गयी या नहीं? उनके आवेदन पर रिसीविंग दी गयी या नहीं? घटना की जानकारी देने पर घटनास्थल पर पुलिस गयी या नहीं? प्राथमिकी दर्ज की गयी या नहीं? मसलन आम लोग अगर थाने की कार्यशैली से नाखुश हैं या खुश हैं, तो वे अपना फीडबैक क्यूआर कोड के माध्यम से दे सकते हैं. उनका फीडबैक पुलिस के वरीय अधिकारियों तक पहुंचेगा और वे इसकी समीक्षा करेंगे. जिनके खिलाफ ज्यादा शिकायतें, उन पर होगी कार्रवाई : जिन पुलिस पदाधिकारी के संबंध में लापरवाही की ज्यादा शिकायतें आयेंगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि यह लक्ष्य रखा गया है कि किसी भी पब्लिक की बात 30 मिनट के अंदर सुन लेनी है. साथ ही उनका काम हुआ या नहीं, इस संबंध में भी उनका विचार क्यूआर कोड के माध्यम से लिया जायेगा. अगर किसी तरह की कमी सामने आती है, तो उसे दूर करने का प्रयास किया जायेगा. फीडबैक के माध्यम से यह जानकारी मिल जायेगी कि कौन पुलिस पदाधिकारी बार-बार लापरवाही कर रहा है. अगर बार-बार किसी थानाध्यक्ष या पुलिस पदाधिकारी की लापरवाही पायी जायेगी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
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