संवाददाता,पटना राज्य के 11 हजार प्राइवेट स्कूलों को अब तक क्यूआर कोड दिये जा चुके हैं. इस कतार में अभी कुछ हजार और स्कूल हैं. दरअसल यह क्यूआर कोड खास होंगे.दरअसल इन क्यूआर कोड के जरिये प्रत्येक निजी स्कूल की कुंडली खासतौर पर बेसिक जानकारी खंगाली जा सकेगी. जानकारों के अनुसार क्यूआर कोड में यह सुविधा होगी कि किसी भी स्कूल की मान्यता और उसके वर्तमान स्टेटस की जानकारी ली जा सकेगी. शिक्षा विभाग ने आरटीइ के दायरे में आने वाले सभी प्राइवेट स्कूलों से कहा है कि वह क्यूआर कोड के लिए आवेदन करें. प्राइवेट स्कूलों को ये आवेदन ऑनलाइन करने होंगे. विभाग की तरफ से दी गयी जानकारी के अनुसार क्यूआर कोड अभी अनिवार्य नहीं किया गया है, लेकिन जो प्राइवेट स्कूल आवेदन करेंगे, उन्हें क्यूआर कोड शिक्षा विभाग की तरफ से मुहैया करा दिया जायेगा. यह आवेदन सरकारी ज्ञानदीप पोर्टल के जरिये किये जाने हैं. क्यूआर कोड के जरिये आरटीइ के तहत ऑनलाइन एडमिशन जानकारी लेने में आसानी होगी. दरअसल यह सरकार को पता रहेगा कि किस स्कूल की कितनी नामांकन क्षमता है, वहां आरटीइ के तहत कितने नामांकन होने चाहिए . उल्लेखनीय है कि अभी राज्य के केवल लगभग 12 हजार स्कूलों ने ही आरटीइ के तहत एडमिशन लिये हैं. जबकि प्राइवेट स्कूलों की संख्या इससे कहीं अधिक है. फिलहाल बिहार प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने बताया कि राज्य के 11 हजार से अधिक स्कूलों को क्यूआर कोड दिये जा चुके हैं, जो आवेदन देंगे, उन्हें विभाग क्यूआर कोड तत्काल मुहैया करा देगा.
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