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ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल का कोटा पूरा नहीं कर पा रहीं सूबे की बिजली कंपनियां

सूबे की बिजली कंपनियां ग्रीन एनर्जी यानि गैर परंपरागत माध्यमों से उत्पन्न की जाने वाली बिजली का कोटा पूरा नहीं कर पा रहीं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 15, 2024 1:26 AM

संवाददाता, पटना

सूबे की बिजली कंपनियां ग्रीन एनर्जी यानि गैर परंपरागत माध्यमों से उत्पन्न की जाने वाली बिजली का कोटा पूरा नहीं कर पा रहीं. केंद्रीय मापदंडों के आधार पर बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने कुल बिजली आपूर्ति का 17 फीसदी कोटा ग्रीन एनर्जी के लिए निर्धारित कर रखा है, लेकिन बीते दो वर्षों में बिजली आपूर्ति कंपनियां इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकीं. कोटा पूरा नहीं करने पर नियमों के तहत बिजली कंपनी पर जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन कंपनियों के अनुरोध पर विनियामक आयोग ने तत्काल छूट देते हुए मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही पिछले दो वर्षों का कोटा पूरा करने का आदेश दिया है.

बिजली को लेकर केंद्रीय स्रोत पर निर्भर हैं कंपनियां

केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग ने ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्यों को लक्ष्य सौंपा है. इसके तहत बिहार में सालाना कुल आपूर्ति होने वाली बिजली का 17 %सोलर, विंड और हाइड्रो आदि गैर परंपरागत माध्यमों से उत्पादित होना अनिवार्य है. चूंकि, बिहार पूरी तरह केंद्रीय स्रोतों से या निजी एजेंसियों से मिलने वाली बिजली पर निर्भर है. इस कारण लगातार दो वित्तीय वर्ष में तय मानक के अनुसार गैर परंपरागत बिजली आपूर्ति नहीं कर पा रहा है. हालांकि बिजली कंपनी ने एनटीपीसी, सोलर इनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया आदि से गैर परंपरागत बिजली के लिए करार कर रखा है.

इसको देखते हुए बिजली कंपनी ने विद्युत विनियामक आयोग में एक याचिका दायर की थी. याचिका में कंपनी की ओर से बताया गया कि बिजली कंपनी ने 1250 मेगावाट के लिए करार किया था, लेकिन अब तक मात्र 699 मेगावाट ही उत्पादन शुरू हो सका है. इस कारण बिहार को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है. इसलिए कंपनी ने आयोग से अनुरोध किया था कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही पिछले दो वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को जोड़ दिया जाये. कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में पिछले दो वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को पूरा करने की मंजूरी दे दी है. ऐसा नहीं करने पर अगले वित्तीय वर्ष में आयोग विचार करेगी कि कंपनी पर कितना जुर्माना लगाया जाये. फिलहाल आयोग के फैसले से बिजली कंपनी को राहत मिल गयी है.

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