अभाव और कठिनाइयां का सामना कर बिहार की मुक्केबाज रात रानी राष्ट्रीय स्तर पर मुक्केबाजी में अपनी पहचान बना रही है. रात रानी को मध्य प्रदेश में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पहली बार बिहार टीम में शामिल किया गया है. मुंगेर जिला के हसनगंज गांव की रहने वाली रात रानी ने संघर्ष करते हुए अपने अंदर मुक्केबाजी का अलख जगाए रखा है.
रात रानी किसान पिता की सात संतानों में छठे नंबर की संतान है. उनके पिता अपने परिवार की जरूरतों को मुश्किल से पूरा कर पाते हैं. अपने भाई के दोस्त की देखरेख में हसनगंज में एक किराए के मकान की छत पर प्रैक्टिस करने वाली रात रानी ने बताया कि मैं मुंगेर से खेलो इंडिया यूथ गेम्स खेलने वाली एकमात्र लड़की हूं. मेरे लिए यह गर्व की बात है. मैं चेन्नई में आयोजित यूथ नेशनल गेम्स में भी खेली हूं. उन्होंने कहा कि वह नंगे पैर और बहुत ही सस्ते ग्लब्स से अपने भाई के दोस्त के साथ छत पर प्रैक्टिस करती हैं.
बिहार की टीम में शामिल लाइट फ्लाइवेट मुक्केबाज रात रानी के लिए खेलो इंडिया जैसा प्लेटफार्म मिलना किसी सपने के सच होने जैसा है, जो एक दिन मैरीकॉम और निकहत जरीन जैसी विश्व चैंपियन बनने का ख्वाब रखती है. भोपाल में अपने वेट कैटेगरी में पहले राउंड में बाई पाने के बाद दूसरे राउंड में सिक्किम की मुक्केबाज को हराने वाली रात रानी ने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स में आकर लगा कि दुनिया कितनी बड़ी है और मुझे कितनी मेहनत करनी है.
रातरानी ने कहा कि मैं मेहनत से नहीं डरती और इसी कारण तमाम मुश्किलों के बावजूद इस गेम से जुड़ी रही. रात रानी ने कहा कि बिहार की बेटी होने पर मुझे गर्व है. मैंने अब तक जो कुछ हासिल किया है, उसने मुझे अपने जिले में शोहरत दी है लेकिन मैं इससे ऊपर जाकर राज्य और देश के लिए पदक जीतना चाहती हूं. खेलो इंडिया प्लेटफार्म मेरे करियर के लिए मील का पत्थर साबित होगा.