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बिहार में जब्त 850 करोड़ के संदिग्ध कैलिफोर्नियम का काम जानिए, सुरक्षा एजेंसियों के भी कान खड़े हुए

बिहार-यूपी बॉर्डर पर गोपालगंज पुलिस ने तीन तस्करों को दबोचा तो उनके पास से संदिग्ध रेडियो एक्टिव पदार्थ जब्त किए गए. सुरक्षा एजेंसियों के भी इससे कान खड़े हो गए हैं.

गोपालगंज के कुचायकोट थाना क्षेत्र के यूपी-बिहार बॉर्डर पर बलथरी चेकपोस्ट से पुलिस ने तीन तस्करों को दबोचा तो उनके पास 50 ग्राम रेडियो एक्टिव पदार्थ जब्त किए गए. पुलिस को शक है कि यह पदार्थ कैलिफोर्नियम (Radioactive Californium) है. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 850 करोड़ रुपए से भी अधिक है. गिरफ्तार किए गए तीनों तस्कर यूपी और बिहार के रहने वाले हैं. एफएसएल की विशेष टीम इस पदार्थ की हकीकत जांचेगी. आइआइटी मद्रास से भी इसकी जांच के लिए संपर्क किया जा रहा है. वहीं सुरक्षा एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए हैं और तस्करों से पूछताछ की जा रही है. गुजरात कनेक्शन सामने आने के बाद पुलिस गुजरात में भी छापेमारी कर रही है.

अगर यह कैलिफोर्नियम है तो 850 करोड़ से अधिक होगी कीमत

अगर यह पदार्थ कैलिफोर्नियम निकला तो बिहार में ये पहली बार इसकी जब्ती होगी. एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि इस संदिग्ध पदार्थ को गुजरात से तस्करी करके लाया गया था. एटॉमिक एनर्जी डिपार्टमेंट से पुलिस संपर्क में है. एफएसएल की विशेष टीम को भी बुलाया गया है जो रेडियोएक्टिव पदार्थ की हैंडलिंग और जांच करेगी. यह संदिग्ध पदार्थ कैलिफोर्नियम है या नहीं इसकी जांच होगी. जांच के बाद ही यह पता चलेगा. अगर यह पदार्थ कैलिफोर्नियम निकला, तो इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 850 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है.

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तस्करों ने किया कैलिफोर्नियम होने का दावा, सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हुई

तस्करों की ओर से किया जा रहा है की यह पदार्थ कैलिफोर्नियम है. तस्करों के पास से इससे जुड़ा सर्टिफिकेट भी है. जिसे आधार बनाकर पुलिस उसे कैलिफोर्नियम मान कर ही जांच में जुट गयी है. हालांकि आइआइटी मद्रास से जारी सर्टिफिकेट में जिस प्रोफेसर का नाम है उनसे पुलिस ने संपर्क किया तो प्रोफेसर ने इसे फेक बताया है. उधर, एसओजी-7 व एसटीएफ की टीम भी ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. वहीं सुरक्षा एजेंसियां भी इसकी जांच के लिए सक्रिय हो चुकी है और तस्करों से पूछताछ कर रही है. तस्करों ने बताया कि वे गुजरात से लेकर बेचने के लिए ग्राहक की तलाश में जुटे थे. महीनों से डील नहीं हो पा रही थी.

क्या है कैलिफोर्नियम का यूज? कहां से लेकर आए तस्कर…

कैलिफोर्नियम का इस्तेमाल न्यूक्लीयर रिएक्टर से न्यूक्लीयर पावर के उत्पादन और साथ ही ब्रेन कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों को ठीक करने में भी होता है. पुलिस को संदेह है कि इन तस्करों के पीछे कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है. कैलिफोर्नियम बिजली उत्पादन के लिए भी काम आता है. लेकिन सवाल है कि क्या देश के किसी बिजली उत्पादन केंद्र से इतने भारी मात्रा में कैलिफोर्नियम की चोरी हुई है. जबकि अब तक इससे जुड़ा कोई केस कहीं भी दर्ज नहीं किया गया है.

गुजरात कनेक्शन सामने आया, छापेमारी करने पहुंची पुलिस

पुलिस के सामने बड़ा सवाल अब यह है कि अगर यह पदार्थ कैलिफोर्नियम है तो आखिर कैलिफोर्नियम की आपूर्ति कहां से हुई. किसने ये सप्लाई किया है. इधर, संदिग्ध पदार्थ का गुजरात कनेक्शन सामने आने के बाद पुलिस की टीम गुजरात भी पहुंची है. यूपी के तस्कर को जिसने इस पदार्थ की आपूर्ती की थी उस शख्स की पहचान हो गयी है. गुजरात पुलिस के सहयोग से उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद इस पूरे खेल का राजफाश हो सकता है. आज शनिवार को नाभिकीय ऊर्जा विभाग की टीम भी गोपालगंज पहुंचेगी और पदार्थ की जांच की जाएगी.

यूपी बिहार के तीन तस्कर धराए

बता दें कि यूपी के कुशीनगर जिले के तमकुही राज थाना क्षेत्र के परसौनी बुजुर्ग निवासी चंद्रदेव प्रसाद के पुत्र छोटेलाल प्रसाद से गोपालगंज के नगर थाना क्षेत्र के कौशल्या चौक निवासी योगेंद्र शाह के पुत्र चंदन गुप्ता और महम्मदपुर थाना क्षेत्र के कुशहर मठिया निवासी हरेंद्र राम के पुत्र चंदन राम को पुलिस ने चेकपोस्ट से गिरफ्तार किया है.

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