रघुवंश ने अपनी ही पार्टी पर उठाये सवाल, कहा-राजद में लाये जा रहे विवादित व अजनबी चेहरे

अपनी बेबाक बयानी के लिए चर्चित राजद के वरिष्ठ नेता डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने दो टूक कहा कि पार्टी में विवादित और न जाने कहां- कहां से ‘अजनबी चेहरे ’ लाये जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 29, 2020 6:14 AM

पटना : अपनी बेबाक बयानी के लिए चर्चित राजद के वरिष्ठ नेता डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने दो टूक कहा कि पार्टी में विवादित और न जाने कहां- कहां से ‘अजनबी चेहरे ’ लाये जा रहे हैं. मेहनती और समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर ऐसे लोगों को एंट्री दी जा रही है, जिनके बारे में कोई जानता तक नहीं हैं. क्या सिर्फ पैसा वाला होना ही योग्यता है?

पार्टी छोड़कर जाने वाले एमएलसी के बारे में उन्होंने कहा कि एक- दो को छोड़कर सभी धनपति थे. जनता इनको पहचानती तक नहीं है. बनाये जा रहे नये एमएलसी में एक- दो ऐसे ही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी पार्टियां जो एक्सचेंज के आधार पर एमएलए और एमएलसी बना रही हैं, वे सभी निंदा की पात्र हैं. डॉ रघुवंश ने रविवार को प्रभात खबर से विशेष बातचीत में बताया कि जिस दिन पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, उसी रात राजद

कह दिया था कि नैतिकता के आधार पर रामा सिंह को पार्टी में एंट्री नहीं मिलनी चाहिए. पार्टी में तमाम गड़बड़ियां चल रही हैं. साथ में यह भी बता दिया था कि इस मामले में जनता के बीच खरीद-फरोख्त होने की बातें की जा रही हैं. इन सवालों का जवाब कैसे दिया जायेगा?

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मेरे सवाल का नहीं दिया है संतोषजनक जवाब : डॉ रघुवंश ने बताया कि नैतिकता के ग्राउंड पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मेरे किसी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दिया है. कहा था कि ठीक है, इस पर बात करेंगे. हालांकि, मैं अभी पार्टी के निर्णय का इंतजार कर रहा हूं. दरअसल मेरे सामने धर्मसंकट है. जिस व्यक्ति (लालू प्रसाद) के साथ लंबा साथ रहा है, अभी वह जेल में हैं. मुझे उनका साथ देना चाहिए, लेकिन जब हद से ज्यादा बात बढ़ गयी तो मुझे स्टैंड लेना पड़ा.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैंने जीवन भर राजनीतिक शुचिता का पालन किया है. मैं अपनी प्रतिष्ठा को कायम रखने के लिए पूरी ताकत लगा दूंगा. उन्होंने साफ किया कि राजनीति में मुझे अभी काफी कुछ करना है. उन्होंने बताया कि रामा सिंह की एंट्री हुई, तो यह अनुचित होगा. मैं अपने घोषित स्टैंड पर रहूंगा. मेरे ही संसदीय क्षेत्र के विवादित व्यक्ति की एंट्री मुझसे बिना पूछे की जा जाये, इसका क्या मायने है?

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