पटना : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच को लेकर बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस और कांग्रेस गठबंधन की महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है.
डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस-एनसीपी के दबाव में काम करनेवाली महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार, जब उदीयमान अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के मामले में लीपापोती करने में लगी हो और बिहार पुलिस को जांच करने से रोकने के लिए आइपीएस अधिकारी तक को मुंबई में हाउस अरेस्ट किया जा रहा हो. तब राहुल गांधी ने अपने दल की गठबंधन सरकार को राजधर्म क्यों नहीं बताया.
उन्हें बिहार प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से बात करने से पहले सुशांत के पिता से बात करनी चाहिए थी. कांग्रेस जब उद्धव सरकार को बचा रही है और एक युवा अभिनेता की दुखद मौत पर राजनीति कर रही है, तब किस मुंह से बिहार में जनता का समर्थन पाने की उम्मीद करती है.
भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद मौत के मामले में बिहार पुलिस की जांच में बाधा डालने की नीयत से शिवसेना के युवराज आदित्य ठाकरे के निर्देश पर ही आइपीएस विनय तिवारी को कोरेंटिन किया गया था. सुशांत के मसले पर जिस तरह का रुख महाराष्ट्र सरकार में शामिल गठबंधन दलों का है, उससे लगता है कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ने भी आदित्य ठाकरे से बात कर बॉलीवुड के अपने साथियों के पक्ष में और सुशांत के न्याय के खिलाफ भूमिका तैयार की है.
उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार, पुलिस और करोड़ों जनता अपने बेटे सुशांत को न्याय दिलाने के लिए चिंता कर रही है, लेकिन शिवसेना के लोग न्याय के खिलाफ आरोपियों के पक्ष में तमाम तरह की घटिया हरकतें कर रहे हैं. आश्चर्य है कि अब बीएमसी ने भद पीटने के बाद एक दूसरा सर्कुलर जारी किया है.
इसका मकसद निगम का चेहरा बचाना तो है ही एक अप्रत्यक्ष मकसद सुशांत के न्याय की राह में रोड़ा अटकाना भी है. उन्होंने कहा कि सीबीआइ और बिहार पुलिस की जांच को लेकर जितने परेशान शिवसेना के लोग थे, उतने ही परेशान एनसीपी और कांग्रेस के भी लोग थे.