पटना के बेऊर जेल में कैदियों तक कैसे पहुंच रहे मोबाइल? जिससे लूट व हत्या की रची जाती है साजिश

पटना के बेऊर जेल के अंदर फिर एकबार छापेमारी हुई. सवाल यह उठता है कि जेल के कैदियों के पास मोबाइल कैसे पहुंच जाता है? इसी मोबाइल से अपराध की साजिश रची जाती है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | September 9, 2024 6:53 AM

पटना के बेऊर जेल प्रशासन ने रविवार को अलग-अलग वार्ड में छापेमारी कर लाेहे का सरिया, रस्सी और अन्य चीजें बरामद की है. करीब तीन घंटे तक चली छापेमारी के दाैरान जेल में बंद कैदियाें और बंदियाें में हड़कंप मच गया. यही नहीं जेल प्रशासन ने सभी हाई सिक्योरिटी वार्डाें में भी तलाशी ली. बेउर जेल प्रशासन ने रविवार काे कड़ी सुरक्षा के बीच अनिल राम उर्फ सुमितजी उर्फ नवीनजी काे पूर्णिया जेल भेज दिया गया. वहीं अखिलेश सिंह उर्फ राकेश सिंह उर्फ मनाेज सिंह काे माेतिहारी जेल भेज दिया गया.

बेऊर जेल के अंदर कैदियों तक कैसे पहुंच रहे मोबाइल?

बेऊर जेल की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देकर शातिर लगातार अंदर बंद कैदियों तक लगातार मोबाइल समेत अन्य आपत्तिजनक सामान पहुंचा रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि बीते ढाई महीने में जेल के अंदर चार बार छापेमारी हुई. इसमें 11 मोबाइल समेत अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किये गये. छापेमारी कर बरामद सामान की जब्ती सूची बना जेल प्रशासन खानापूर्ति करती है. छापेमारी में मोबाइल ही नहीं चार्जर, चाकू, सिम कार्ड, खैनी, गांजा, लाइटर, सिगरेट, बीड़ी, गुल और गुटखा, टेस्टर समेत अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद हो चुके हैं. कैदियों तक मोबाइल पहुंचने के कारण अंदर से ही कई लूटकांड व हत्या की साजिश रची जा चुकी है, जिसका पटना पुलिस समेत अन्य जिलों व राज्यों की पुलिस ने भी खुलासा किया है.

ALSO READ: बिहार के 16 जिलों में मिले डेंगू के 55 नए मरीज, मंकी पॉक्स को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग ने किया अलर्ट

चेकिंग प्वाइंट में सेंध या फिर सुरक्षाकर्मियों की सांठगांठ?

दरअसल कैदियों से मिलने वाले मुलाकाती से लेकर पीएमसीएच व पेशी के दौरान कैदियों को काफी सुरक्षा घेरे में रखा जाता है. इसके बावजूद भी लगातार जेल के अंदर से आपत्तिजनक सामान मिलना सुरक्षा में सेंध को दर्शाता है. कैदियों से मिलने वाले हर एक मुलाकाती की जांच बेऊर जेल प्रशासन कड़ाई से करता है. वहीं पीएमसीएच में इलाज या फिर कोर्ट में पेशी के दौरान हर वक्त पुलिसकर्मी रहते हैं तो आखिर हर बार मोबाइल समेत अन्य सामान जेल के अंदर कैदी वार्ड के पास कैसे पहुंच जाता है.

कब-कब हुई छापेमारी और क्या मिला?

  • 19 जुलाई : दो स्क्रीन टच मोबाइल, तीन की-पैड मोबाइल, सिम कार्ड, चार्जर, खैनी, गांजा, लाइटर, सिगरेट, बीड़ी, गुल, गुटखा, टेस्टर समेत अन्य आपत्तिजनक सामान
  • 22 जुलाई : एक स्मार्टफोन और एक की-पैड मोबाइल बरामद
  • 24 जुलाई : एक स्मार्टफोन व चार्जर बरामद
  • 7 सितंबर : तीन मोबाइल और दो चार्जर बरामद

Next Article

Exit mobile version