Rain alert नेपाल में हो रही लगातार भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पश्चिम और पूर्वी चंपारण व सीतामढ़ी जिले अलर्ट पर हैं. सरकारी मशीनरी को चौबीस घंटे अलर्ट पर रखा गया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भारी बारिश जारी रहने की भविष्यवाणी की है, जिसके चलते अचानक बाढ़ की आशंका जतायी जा रही है. आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बिहार की गंडक और कोसी नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है.
कई स्थानों पर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. गंडक नदी पर वाल्मीकिनगर बैराज के कुछ गेट खोल दिये गये हैं. शनिवार सुबह नौ बजे 3,69,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसी समय, कोसी बैराज वीरपुर से भी 4 लाख 49 हजार क्यूसेक क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
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नेपाल ने आनेवाले पानी की मात्रा इतनी अधिक है कि बिहार को चार घंटे बाद ही कोसी बैराज, वीरपुर से 5,21,455 क्यूसेक, जबकि गंडक बराज, वाल्मीकिनगर से 4,32,250 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा. बारिश के कारण इसमें निरंतर वृद्धि हो रही है.
गंडक में जलस्तर में 40 सेमी की वृद्धि की संभावना जताई जा रही है.भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 27 सितंबर को जारी बुलेटिन में पश्चिम और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, मधुबनी में शनिवार को भी भारी बारिश की संभावना प्रकट की थी.
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वहीं, गंडक के साथ- साथ मसान नदी का पानी भी कई गांवों में घुस गया है. झारमुई, अजमल नगर, तमकुही,सलहा, बरियारवा मुडीला आदि गांवों में शुक्रवार की रात दो बजे तीन फुट तक पानी भर गया था. ये गांव टापू बन गये हैं.
बगहा के अनुमंडल पदाधिकारी गौरव कुमार ने भितहा एवं मधुबनी प्रखंडों के पीपी तटबंध एवं आनंद नगर क्षेत्र में जलस्तर का जायजा लिया गया है. निचले इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की गयी है. सरकार के सभी विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है.