लोजपा में बगावत के बीच अब जब पार्टी में दो खेमा तैयार हो चुका है तो बिहार की राजनीति भी अब अलग दांव-पेंच में लगी हुई है. एक तरफ जहां पारस गुट ने स्पस्ट रूप से एनडीए को अपना साथी बताया है वहीं जदयू के विरोध में रहने वाले चिराग पासवान खेमे पर राजद डोरे डाल रही है. तेजस्वी लंबे समय के बाद पटना लौटे तो चिराग को इशारे में ही बहुत कुछ कह गए. वहीं अब राजद ने रामविलास पासवान की जयंती पर श्रद्धांजलि सभा करने का फैसला लिया है. जिसके बाद चिराग ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रया दी है.
एनडीटीवी पर इंटरव्यू देते हुए चिराग ने अपने पारिवारिक रिश्तों को लेकर कई बातें की. इस दौरान उनसे जब पूछा गया कि राजद ने फैसला लिया है कि रामविलास पासवान की जयंती पर पार्टी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करेगी तो चिराग ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी.
चिराग ने बताया कि उनके पिताजी (रमाविलास पासवान) और लालू प्रसाद की अच्छी दोस्ती शुरू से रही है. चिराग ने बताया कि पार्टी लाइन के बाहर मेरे और तेजस्वी के बीच बेहतर संबंध हैं. तेजस्वी मेरे छोटे भाइ जैसे ही हैं. और ये संस्कार ही सबकुछ कराता है. मेरे पिता को तेजस्वी अपने पिता जैसे मानते हैं और मेरे पिता और लालू प्रसाद जी की दोस्ती को अगली पीढ़ी निभा रही है तो ये अच्छी बात है. चिराग ने इस आयोजन के लिए राजद को धन्यवाद दिया.
बता दें कि तेजस्वी ने लोजपा में टूट का ठीकरा जदयू के सिर फोडा था. वहीं चिराग पासवान को उन्होंने संकेत में ही ये कहा कि उन्हें किस तरफ जाना है ये फैसला उनका है. एक तरफ एक अलग विचारधारा यानी आरएसएस है तो दूसरी तरफ बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान.
वहीं अब राजद अपनी पार्टी के 25वें स्थापना दिवस कार्यक्रम की तैयारियों में जुट गया है. पांच जुलाई को होने वाले इस स्थापना दिवस समारोह से पूर्व पार्टी कार्यालय में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती मनायी जाएगी. इस दौरान उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan