Ramadan 2025: शब‐ए‐बरात पर रात भर की इबादत, आज रोजा रखकर अमन-चैन और खुशहाली की दुआ मांगेंगे अकीदतमंद
Ramadan 2025: आज मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अमन-चैन और खुशहाली की दुआ मांगेंगे. पटना में शब-ए-बरात के दौरान पुलिस मुस्तैद रही.
Ramadan 2025 in Patna: इस्लामी दर्शन में क्षमा मांगने, अल्लाह के रहमत व पुरखों के इबादत की रात शब-ए-बरात के मौके पर गुरुवार की रात जाग कर मजारों, कब्रिस्तान पर जुटे लोगों ने इबादत की. शुक्रवार को रोजा रख कर दुआ मांगेंगे. रातभर गुलजारबाग, पातो की बाग स्थित कब्रिस्तान, दादर मंडी, कुम्हरार, धुनकी मोड़, अगमकुआं, सुल्तानगंज, दरगाह, लोदी कटरा, बटाउकुआं, सिमली, चमडोरिया, आलमगंज के साथ दर्जनों जगहों पर स्थित कब्रिस्तान व मजारों के साथ खानकाहों में जुटे जायरीनों ने इबादत की और दुआ मांगी.
आज गुनाहों के लिए क्षमा मांगेंगे रोजेदार
आयोजित तकरीर में खानकाह मुनएमिया मीतन घाट दरगाह शरीफ के सज्जदननशीन सैयद शाह शमीमउद्दीन मुनएमी कहते हैं कि इस्लामी दर्शन में क्षमा मांगने की रात के बाद धर्म के नियम के बुनियादी चीज का पालन करते हुए पाप से मुक्ति पाने के बाद नया दिन का साकार करता है. खानकाह मंगल तालाब के सज्जादानशी सैयद शाह मिस बाहुल हक एमादी ने कहा कि गुनाहों के लिए क्षमा मांगने की रात शब ए बरात में गिला शिकवा भूल कर गुनाहों के लिए क्षमा मांगे और रात में दुआ करें. इस रात को लेकर धार्मिक जलसा का भी आयोजन हुआ.
पुलिस प्रशासन रही मुस्तैद, बरती गयी चौकसी
शब-ए-बरात के दौरान पुलिस मुस्तैद रही. एसडीओ सत्यम सहाय व एएसपी अतुलेश झा ने बताया कि त्योहार को लेकर कब्रिस्तान और मस्जिद के पास विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गयी है. अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गयी है. इस दौरान एसडीओ व एएसपी ने इबादत स्थल का निरीक्षण भी किया. इधर, फुलवारीशरीफ के मिलकियाना, सैय्यादाना, महत्वाना, नयाटोला, इशापुर, अलमीजान नगर, हारूननगर, मिललात कालोनी, मौला बाग, कर्बला, लाल मियां की दरगाह, शाही संगी मस्जिद, खलीलापूरा, सबजपूरा, गुलिस्तान माहल्ला, बौली, खानकाह ए मुजिबिया, जानीपुर, परसा बाजार के ओबैदुल्लाह चक आदि में कब्रिस्तान व मस्जिद में रात भर फातेहा पढ़ने आने वाले लोगों से गुलजार होता रहा खानकाह मुजीबिया मजार, हाजी हरमैन कब्रिस्तान, मख्दुम रास्ती, टमटम पड़ाव, कब्रिस्तानों पर पहुंचं कर लोगों ने अपने पूर्वजों की मजार पर फातिहा पढ़ी और उनकी मगफिरत के लिए दुआएं मांगी कब्रिस्तानों व मस्जिदों को छोटे छोटे बल्बों से सजाया गया था.