Loading election data...

Ramadan in Lockdown : मुस्लिम संगठनों का निर्देश, रमजान में घरों में पढ़ें नमाज, कोरोना, CAA, NPA की मुसीबत के खात्मे की करें दुआ

बिहार, ओड़िशा एवं झारखंड के मुसलमानों की सबसे बड़ी एदारा इमारत-ए-शरिया, एदार-ए-शरिया बिहार, जमीयत-ए-उलेमा बिहार, जमात-ए-इस्लामी और खानकाहों ने एलान किया है कि रमजान माह में लोग अपने-अपने घरों में ही नमाज पढ़ें और लॉक डाउन का पालन करें. रमजान का चांद अगर 24 अप्रैल को दिखाई देता है, तो रमजान का महीना 25 अप्रैल से शुरू हो जायेगा.

By Kaushal Kishor | April 17, 2020 10:44 AM
an image

पटना : बिहार, ओड़िशा एवं झारखंड के मुसलमानों की सबसे बड़ी एदारा इमारत-ए-शरिया, एदार-ए-शरिया बिहार, जमीयत-ए-उलेमा बिहार, जमात-ए-इस्लामी और खानकाहों ने एलान किया है कि रमजान माह में लोग अपने-अपने घरों में ही नमाज पढ़ें और लॉक डाउन का पालन करें. रमजान का चांद अगर 24 अप्रैल को दिखाई देता है, तो रमजान का महीना 25 अप्रैल से शुरू हो जायेगा.

कोरोना वायरस के फैले संक्रमण और बचाव को लेकर पूरे देश में लॉक डाउन के मद्देनजर मुस्लिम संगठनों ने एलान किया है कि अपने-अपने घरों में नमाज पढ़ने के साथ रमजान माह में रात में पढ़ी जानेवाली तरावीह की नमाज भी मस्जिदों में नहीं होगी. इमारत-ए-शरिया ने कहा है कि लॉकडाउन को लेकर 14 अप्रैल से कठोरता बढ़ गयी है. सामाजिक दूरी ही इस बीमारी से बचाव का सबसे सफल तरीका है.

Also Read: बिहार पुलिस पर हमले को लेकर एकजुट हुए पुलिस संगठन, कहा- NSA में हो कार्रवाई, गुंडा रजिस्टर में दर्ज हों नाम

इमारत शरिया के कार्यवाहक सचिव मौलाना मोहम्मद शिबली कासमी ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान मस्जिदों में रहनेवाले इमाम ही मस्जिदों में फर्ज की नमाज अदा कर रहे हैं. अन्य सभी लोग अपने घरों में ही नमाज और इबादत कर रहे हैं. रमजान के दौरान भी इसी तरह मस्जिदों में रहनेवाले इमाम मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा कर लें. बाहर से लोग मस्जिदों में तरावीह के लिए ना आएं. साथ ही उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के अंत के लिए अल्लाह तआला से दुआ करें.

Also Read: बिहार में मौसम ने ली करवट, आज से 20 अप्रैल तक कई जिलों में बौछार पड़ने की संभावना, …जानें आपके जिले में कैसा रहेगा मौसम?
इमारत ने रमजान को लेकर जारी किये दिशा-निर्देश

  • रोजा और फर्ज नमाज, सुन्नत, नफ्ल नमाज और पूरा तरावीह घरों में रहक कर फरज नमाजें. ऑनलाइन तरावीह ना पढ़ें.

  • नमाजे तरावीह घर के सदस्य ही घर में अदा करें. दूसरे घर के लोगों को इकट्ठा ना होने दें.

  • सहरी के समय लाउडस्पीकर से लोगों को जगाने और कविताओं को पढ़ने का सिलसिला स्थापित ना करें.

  • मस्जिद के माइक से खत्म सहरी की घोषणा मस्जिदों से हमेशा की तरह कर सकते हैं. लेकिन, दो बार से अधिक घोषणा ना करें.

  • खरीदने और बेचने के संबंध में सरकारी आदेशों का पूरा पालन करें. बाहर घूमना-फिरना बिल्कुल ना करें.

  • छह दिन या दस दिन में खत्म कुरान का सिलसिला घरों में बिल्कुल स्थापित ना करें.

  • किसी प्रकार के निमंत्रण और इफ्तार पार्टियों से दूर रहें. खुद भी नियंत्रण ना करें.

  • जकात, सदकात वाजिबा का पैसा या अनाज केवल जरूरतमंज मुसलमानों और दीनी मदारिस को दें.

  • रमजान में जरूरतमंदों की विशेष खबरगीरी करें. अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और गैर-मुस्जिम जरूरतमंदों का सहयोग करें.

  • रमजान के दौरान इफ्तार और तहजजूद के समय देश और पूरी मानवता के कल्याण और वर्तमान स्थिति से उद्धार के लिए दुआओं का इहतिमाम करें. साथ ही सीएए, एनपीआर की मुसीबत के खत्म होने की दुआएं करें.

  • माता-पिता और अभिभावक अपनी संतान को ऐसी हरकत से दूर रखें, जिससे देश और मिल्लत को नुकसान पहुंचे.

  • नौजवानों से विशेष अनुरोध है कि रात के समय दो पहिया, कार आदि में ना घूमें. बाहर निकलना सख्त मना है. नौजवान मोबाइल पर बस जरूरी बातचीत करें. मोबाइल में समय बरबाद ना करें. अल्लाह को याद करने और इबादतों में अपना समय लगाएं.

  • परिस्थितियों को देखते हुए मुसलमान मुरदों को दफन करने और क्रबिस्तान में जगह देने में सहायता करें. कोरोना मरीज की मृत्यु से ना घबराएं. अल्लाह पर पूरा यकीन रखें.

  • मशरब और मसलक से ऊपर उठ कर एक रहने और एक कौम बनने की पूरी कोशिश करें.

Exit mobile version