अपात्रों के नाम कटने से राशनकार्ड धारी हुए कम

राज्य में सरकारी राशनकार्ड धारियों (राशनकार्ड से जुड़े सदस्यों की संख्या ) की कुल संख्या 8.31 करोड़ रह गयी है. यह संख्या राज्य के लिए निर्धारित केंद्रीय लिमिट से लगभग 35-40 लाख कम है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 14, 2024 12:32 AM

राजदेव पांडेय, पटनाराज्य में सरकारी राशनकार्ड धारियों (राशनकार्ड से जुड़े सदस्यों की संख्या ) की कुल संख्या 8.31 करोड़ रह गयी है. यह संख्या राज्य के लिए निर्धारित केंद्रीय लिमिट से लगभग 35-40 लाख कम है. राज्य में राशनकार्ड धारियों (यूनिट) की लिमिट 8.71 करोड़ तय है. लिमिट से कम राशनकार्ड धारियों की संख्या कम होने की इकलौती वजह काफी संख्या में अपात्र राशनकार्ड धारियों के नाम काटे जाने हैं. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने अपात्र राशनकार्ड धारियों की पहचान के लिए अभियान चलाया था, जिसमें 30-32 लाख से अधिक अपात्रों की पहचान की गयी थी. रद्द किये गये 30-32 लाख नाम उन राशनकार्ड धारियों के हैं, जो जांच के दौरान डमी पाये गये. इसमें कुछ ऐसे भी थे , जो राशन नहीं उठा रहे थे. कुछ पलायन कर गये. कुछ मर गये. कइयों का आर्थिक स्तर ऊंचा उठ गया. इस तरह अपात्र होने की कई वजहें रहीं.

अब कैंप मोड में बनाये जायेंगे राशनकार्ड :

विभाग अब राशनकार्ड की संख्या बढ़ाने के लिए कैंप मोड में अभियान चलाने जा रहा है. जिलों मैं तैनात अफसरों को बाकायदा दिशा निर्देश जारी कर दिये गये हैं. पिछले दो साल से अधिक समय में 16 लाख से अधिक लेागों ने राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन दिये. इनमें से करीब 7.5 लाख राशनकार्ड बनाये जा चुके हैं. 5 लाख से अधिक आवेदन अपात्र पाये गये. शेष आवेदन बनाने की प्रक्रिया जारी है. राज्य मेंअभी कुल राशनकार्ड की संख्या 1.96 करोड़ है.

अभियान के रूप में बन रहे राशनकार्ड :

राज्य में अब लिमिट से कम कार्ड धारक/ सदस्य हैं. विभाग इसकी संख्या बढ़ाने के लिए अभियान के रूप में राशनकार्ड बनवाये जा रहे हैं. विभाग की मंशा है कि गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की आपूर्ति सभी लाभुकों तक करें. इसके लिए गोदाम से लेकर राशन की दुकान तक राशन पहुंचने की ट्रेकिंग की जा रही है. इस दिशा में विभागीय मंत्री के निर्देशन में विभाग पूरी तरह सतर्क है.

उपेंद्र कुमार , अतिरिक्त सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग

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