जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को केंद्र में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. जिसके बाद वो लगातार सुर्खियों में हैं. आरसीपी सिंह इस्तीफा देकर दिल्ली से पटना लौटे तो उन्होंने मीडिया के सामने बयान दिया और कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कृपा से केंद्रीय मंत्री बने. इस बयान के बाद जदयू के नेताओं ने आरसीपी सिंह पर हमला बोलना शुरू कर दिया और एक सवाल सामने रख दिया कि क्या आरसीपी सिंह अपनी मर्जी से केंद्र में मंत्री बन गये थे और यही उनको महंगा पड़ गया?
गुरुवार को आरसीपी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कृपा से केंद्र में मंत्री रहे. इस बयान के बाद जदयू के दिग्गज नेताओं की ओर से आरसीपी सिंह पर ताबड़तोड़ हमले शुरू हो गये.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी व कैबिनेट में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा से पार्टी में बड़े-बड़े पद मिले. कहा कि बोलने के लिए लोग बहुत कुछ बोलते हैं. लेकिन हकीकत ये है कि नीतीश कुमार की वजह से ही उन्हें पार्टी में पद और प्रतिष्ठा मिली.
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नरेंद्र मोदी की कृपा वाले बयान पर अशोक चौधरी ने कहा कि ये बात कहकर वो खुद साबित कर गये कि केंद्रीय मंत्री वो नीतीश कुमार की जानकारी में दिये बगैर बन गये थे. वो खुद ही सब साबित कर गये. बता दें कि जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने भी आरसीपी सिंह पर हमला बोला है. उन्होंने भी आरसीपी सिंह पर यह आरोप लगाया कि वो केंद्रीय मंत्री अपनी मर्जी से ही बन गये थे. इसके पीछे ना उनकी इमानदारी थी, ना मेहनत और ना ही संघर्ष.
बताते चलें कि जब जदयू ने आरसीपी सिंह को राज्यसभा में फिर से नहीं बैठाने का फैसला लिया था और टिकट काट दिया था तो एक समाचार चैनल को इंटरव्यू देते समय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से भी ये सवाल किया गया था कि क्या आरसीपी सिंह अपनी मर्जी से केंद्र में मंत्री बन गये थे. जिसका उन्होंने कोई जवाब तो नहीं दिया था लेकिन इतना जरुर कह गये थे कि ‘अब पुरानी बातों को बाहर लाने का क्या फायदा’.
Published By: Thakur Shaktilochan