रजिस्ट्रेशन चार्ज और स्टांप ड्यूटी में डिस्काउंट मिले, तो रियल सेक्टर जल्द लौट सकता है पटरी पर
लॉकडाउन की अवधि में भले ही रियल इस्टेट सेक्टर पीछे चला गया, लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि यह कारोबार पटरी पर आयेगा. अभी जो कमियां हैं, उन्हें डेवलपर अपने स्तर पर भी पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि उनकी सरकार से भी मांग है कि ग्राहकों को रजिस्ट्रेशन चार्ज और स्टांप ड्यूटी में डिस्काउंट मिलना चाहिए.
पटना : लॉकडाउन की अवधि में भले ही रियल इस्टेट सेक्टर पीछे चला गया, लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि यह कारोबार पटरी पर आयेगा. अभी जो कमियां हैं, उन्हें डेवलपर अपने स्तर पर भी पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि उनकी सरकार से भी मांग है कि ग्राहकों को रजिस्ट्रेशन चार्ज और स्टांप ड्यूटी में डिस्काउंट मिलना चाहिए. अगर इस दिशा में सरकार कुछ कदम उठाती है, तो निश्चित तौर पर रियल इस्टेट सेक्टर में फिर चमक आ जायेगी. लोगों का अपने घर का सपना साकार हो सकता है.
रियल इस्टेट से जुड़े लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते जो लोग प्रॉपर्टी में निवेश नहीं कर पाये, वे अब अपने सपने को पूरा कर सकेंगे. इस सेक्टर से जुड़े डेवलपर्स की मानें, तो लॉकडाउन में सारे उद्योग बंद हो गये थे. निर्माण सामग्री नहीं मिल रही थी. साथ ही श्रमिक का भी संकट हो गया था. लेकिन अब बाजार खुलने से भवन निर्माण सामग्री मिलनी शुरू हो गयी है. इससे रुके हुए प्रोजेक्ट भी जल्द शुरू हो जायेंगे. कई तो शुरु हो चुके हैं. कई प्रॉपर्टी रेडी पोजिशन में हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण ग्राहक घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. अब उम्मीद की जा रही है कि रियल सेक्टर में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी.फाइनेंस आसान बने : रियल इस्टेट के प्रबंधकों के अनुसार कई बार बैंकों की लोन प्रक्रिया में काफी लंबा वक्त लग जाता है. इससे ग्राहकों को फ्लैट लेने में देरी होती है. इसे आैर सरल बनाना चाहिए.
फिलहाल इस सेक्टर में सुधार नजर नहीं आता है़ फिर भी उम्मीद है कि आगे कुछ सुधार हो जाये. अभी बिल्कुल सेल नहीं है. लोग अभी कीमत गिरने के इंतजार में हैं. लेकिन ऐसी संभावना नहीं दिखती है, क्योंकि वैसे ही यह सेक्टर घाटे में है. राज्य सरकार इस सेक्टर को संभालने के लिए प्रयास कर रही है.
अरुण कुमार सिंह, चेयरमैन, (बिहार चैप्टर) बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया
रियल सेक्टर को फिर से पटरी पर लाने के लिए उचित कदम उठाना चाहिए. जैसे कि रजिस्ट्री शुल्क को कम करना चाहिए. दूसरा होम लोन पर ब्याज की दर कम करनी चाहिए. साथ ही जीएसटी के दर में भी छूट देनी चाहिए, ताकि रियल सेक्टर को बढ़ावा मिल सके.
मृत्युंजय कुमार, प्रबंधक,सत्यमेव डेवलपकॉन प्राइवेट लिमिटेड