Loading election data...

पटना के महावीर मन्दिर में नैवेद्यम की रिकाॅर्ड बिक्री, पहली बार 1 लाख किलो मासिक से अधिक की हुई बिक्री

पटना के प्रसिद्ध मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. इस बात का इसी से पता लगाया जा सकता है की तिरुपति के बालाजी मन्दिर के बाद देश के किसी मन्दिर में लड्डू की सबसे अधिक बिक्री महावीर मन्दिर में होती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2022 7:37 PM

पटना के महावीर मन्दिर में कोरोना काल के बाद भक्तों की संख्या में भारी वृद्धि देखने को मिली है. यहां पहले मंगलवार को सबसे अधिक भीड़ होती थी. लेकिन अब शनिवार और रविवार को भी भक्तों की उतनी ही भीड़ रहने लगी है. सामान्य तौर पर मन्दिर में मार्च, अप्रैल, मई एवं जून महीने में सबसे अधिक भीड़ देखने को मिलती है.

प्रति माह एक लाख किलो से अधिक बिक्री 

मन्दिर में भक्तों की भीड़ का एक मानदंड नैवेद्यम् की बिक्री है. मन्दिर के इतिहास में पहली बार नैवेद्यम् की बिक्री प्रति माह एक लाख किलो से भी अधिक हुई है. अप्रैल में यहां नैवेद्यम् की कुल बिक्री 1,18,946 किलो हुई और मई महीने में यह विक्रय 1,16,698 किलो हुआ.

जून महीने में भी एक लाख किलो से अधिक के नैवेद्यम की बिक्री अनुमानित है. तिरुपति के बालाजी मन्दिर के बाद देश के किसी मन्दिर में लड्डू की सबसे अधिक बिक्री महावीर मन्दिर में होती है और वह भी एक ही केन्द्र से.

प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख रुपये

मंदिर के भेंट-पत्रों में भी डाले जाने वाली राशि में वृद्धि हुई है. पहले यह राशि एक लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से आती थी. किन्तु पिछले ढाई महीनों में यह राशि कुल 1,12,73,713 रुपया प्राप्त हुई है, जो प्रतिदिन के हिसाब से 1,48,338 रुपया बनता है. यह अवधि ऐसी है, जब भक्तों की संख्या सबसे अधिक होती है और लड्डू की बिक्री सर्वाधिक होती है.

रसीद कटाने के बाद एक भी पैसा खर्च नहीं करना पड़ता

इस अवधि में सबसे अधिक कर्मकाण्डीय पूजा-पाठ होता है. पिछले ढाई महीनों में कर्मकाण्ड के सभी मदों में कुल 96,67,178 रुपया की राशि प्राप्त हुई है. जिसमें केवल रुद्राभिषेक में 20,68,823 रुपया का शुल्क प्राप्त हुआ है. इसमें पूजा-पाठ में लगने वाली सामग्री भी समवेस है. जो मन्दिर की ओर से दी जाती है और मन्दिर द्वारा पुरोहितों को दी जाने वाली दक्षिणा राशि भी है. यह देश का शायद एक मात्र मन्दिर है जहाँ रसीद कटाने के बाद भक्त को पूजा-सामग्री या दक्षिणा पर एक भी पैसा खर्च नहीं करना पड़ता.

एक करोड़ रुपया शुल्क के रूप में

महावीर मन्दिर अपनी आय का 4 प्रतिशत बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को शुल्क में देता है और इस बार आशा की जा रही है कि यदि कोरोना के कारण लॉकडाउन नहीं लगा या लम्बा आन्दोलन नहीं चला तो महावीर मन्दिर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को करीब एक करोड़ रुपया शुल्क के रूप में देगा.

कुछ महीनों में कम होती है बिक्री

बारिश के महीनों, पितृपक्ष, पौष मास, खरमास में तथा कुछ अन्य अवसरों पर मन्दिर में भक्तों की भीड़, लड्डू की बिक्री एवं पूजा-पाठ सब कम हो जाता है. महावीर मन्दिर भक्तों को भक्ति के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है. अतः हनुमान जी की पूजा-अर्चना सालों भर पूरी तन्मयता के साथ करनी चाहिए.

1992 से हो रही है नैवेद्यम की बिक्री

महावीर मन्दिर में नैवेद्यम की बिक्री की शुरुआत 22 अक्टूबर 1992 से हुई. शुरुआती दौर में बिक्री का आंकड़ा औसतन लगभग 500 किलो प्रति माह था.

Prabhat Khabar App: देश-दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, क्रिकेट की ताजा खबरे पढे यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए प्रभात खबर ऐप.

FOLLOW US ON SOCIAL MEDIA
Facebook
Twitter
Instagram
YOUTUBE

Next Article

Exit mobile version