संवाददाता, पटना : पटना नगर निकायों द्वारा अपने कर्मियों के लिए सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने को अवैधानिक बताने और कर्मियों से इसके लागू होने से मिलने वाले अतिरिक्त वेतन की वसूली करने से संबंधित निर्देश को नगर आवास और विकास विभाग ने स्थगित कर दिया है. मामले में शुक्रवार को जारी पत्र में विभाग ने कहा है कि राज्य सरकार के कर्मियों की तरह नगर निकाय के कर्मियों को सप्तम वेतनमान का लाभ देने के संबंध में वित्त विभाग का परामर्श प्राप्त किया गया था. इसमें वित्त विभाग ने कहा कि इस वर्द्धित व्यय भार की प्रतिपूर्ति के लिए राज्य सरकार किसी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगी, लेकिन प्रशासी विभाग निकायवार सप्तम वेतन पुनरीक्षण के फलस्वरूप होनेवाले अतिरिक्त व्यय भार का वहन अपने आंतरिक स्रोत से कर सकता है.वित्त विभाग के उक्त परामर्श के आलोक में राज्य के नगर निकायों में कार्यरत कर्मियों को सप्तम वेतनमान देने में होनेवाली अतिरिक्त व्यय भार का आकलन करते हुए अतिरिक्त व्यय भार का भुगतान अपने आंतरिक स्रोतों से किये जाने के संबंध में विभागीय पत्रों द्वारा सभी नगर निकायों से प्रतिवेदन की मांग की गयी है. कई नगर निकायों से वांछित प्रतिवेदन अभी तक अप्राप्त है. अत: पत्रांक 667 (10 जून, 2024)द्वारा नगर निकाय कर्मियों से सातवां वेतन पुनरीक्षण से प्राप्त लाभों की वसूली करने संबंधी निर्देश को स्थगित किया जाता है. पत्र में वांछित प्रतिवेदन नहीं देने वाले नगर निकायों से इसे तुरंत उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया गया है.
नगरपालिका की स्वायत्ता को सरकार ने समझा
पटना नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति के सदस्य डॉ आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने को अवैधानिक बताने और कर्मियों से इसके लागू होने से मिलने वाले अतिरिक्त वेतन की वसूली से संबंधित पत्र को वापस लेने का हम स्वागत करते हैं. नगरपालिका की स्वायत्तता को सरकार ने समझा, इसके लिए उसको धन्यवाद भी देते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है